ट्रंप की ये कैसी कसमसाहट? अपने ही फैसले पटलने पर हो रहे मजबूर, जापान पर से घटा दिया टैरिफ

    अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बहस चल रही थी. खासकर जापान जैसे देशों के लिए यह नीति भारी आर्थिक दबाव का कारण बन गई थी.

    Trump Take back Tarrif from japan reduced on auto to 15 percent
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    अमेरिका की टैरिफ नीति को लेकर पिछले कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बहस चल रही थी. खासकर जापान जैसे देशों के लिए यह नीति भारी आर्थिक दबाव का कारण बन गई थी. लेकिन अब स्थिति में बदलाव आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान से आयातित ऑटोमोबाइल और अन्य वस्तुओं पर टैरिफ घटाने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे जापानी ऑटो इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है.


    नए आदेश के तहत जापानी गाड़ियों पर टैरिफ को 27.5% से घटाकर 15% कर दिया गया है. यह फैसला व्हाइट हाउस की ओर से गुरुवार को जारी आदेश के बाद सामने आया. इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि गाड़ियों के अलावा अन्य कई वस्तुओं पर भी अधिकतम टैरिफ 15% तक सीमित किया जाएगा.

    कैसे बना दबाव?

    पिछले महीने जापान पर अतिरिक्त 15% टैरिफ लगाने के बाद वहां की सरकार और कंपनियों की ओर से अमेरिका पर कड़ा विरोध जताया गया था. जापान के व्यापार प्रतिनिधि रयोसेई अकाजावा ने वाशिंगटन का दौरा कर ट्रंप प्रशासन से सीधे बातचीत की और ऑटो सेक्टर पर असर का हवाला देते हुए राहत की मांग की थी.

    जापानी कंपनियों को राहत

    जुलाई 2025 में अमेरिका और जापान के बीच व्यापार समझौते की घोषणा हुई थी, लेकिन कुछ शर्तों को लेकर मतभेद बने हुए थे. जब अगस्त में कुल टैरिफ 27.5% तक पहुंच गया, तब टोयोटा जैसी कंपनियों ने इसे भारी झटका बताया और अनुमान लगाया कि इससे उन्हें करीब 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है.

    अब टैरिफ घटने से जापानी कंपनियों को अमेरिकी बाजार में फिर से प्रतिस्पर्धी बढ़त मिल सकेगी. विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए राहत की बात है, जिनका उत्पादन अमेरिका के भीतर ही होता है. टोयोटा ने बताया कि उनकी 80% गाड़ियां अमेरिका में ही तैयार होती हैं, ऐसे में यह समझौता उनके लिए एक सकारात्मक संकेत है.

    निवेश के बदले फायदा

    टैरिफ में राहत का यह फैसला यूं ही नहीं लिया गया. जापान ने अमेरिका में 550 बिलियन डॉलर निवेश का वादा किया है, जिसे अमेरिकी सरकार नियंत्रित करेगी. इस निवेश से होने वाला 90% मुनाफा अमेरिका को मिलेगा. जापान ने स्पष्ट किया है कि ये निवेश अधिकतर लोन और गारंटी के रूप में होगा.

    कृषि उत्पादों पर भी समझौता

    इस व्यापारिक समझौते में एक और बड़ा पहलू शामिल है — अमेरिकी कृषि उत्पादों का आयात. ट्रंप प्रशासन लंबे समय से जापान पर दबाव बना रहा था कि वह अमेरिकी चावल, मक्का, सोयाबीन और उर्वरक जैसे उत्पादों की खरीद में इजाफा करे. अब इस समझौते के बाद, जापान ने इन वस्तुओं का आयात बढ़ाने की सहमति जताई है.

    बाजार में दिखा असर

    टैरिफ में इस कटौती की घोषणा के बाद टोयोटा और होंडा जैसी जापानी ऑटो कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को स्थिरता देगा और भविष्य में निवेश और व्यापार के नए अवसर खोलेगा.

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