वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका की राजनीति में एक नया मोड़ उस समय आया जब टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया. यह टकराव सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि व्यापार, नीतिगत फैसलों और व्यक्तिगत जुबानी हमलों तक फैल गया.
गुरुवार रात दोनों के बीच जो बयानबाज़ी हुई, उसने संकेत दे दिया कि अमेरिका के सबसे चर्चित बिजनेस आइकॉन और उसके संभावित भविष्य के राष्ट्रपति उम्मीदवार के बीच अब दोस्ती नहीं, मुकाबला तय है.
क्या है विवाद की जड़?
विवाद की शुरुआत ट्रंप के उस "बिग ब्यूटीफुल बिल" से हुई, जिसे उन्होंने टैक्स और खर्च सुधारों के लिए ऐतिहासिक बताया. इस बिल में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैंडेट में भारी कटौती की गई है — ऐसा फैसला जो सीधे मस्क की कंपनी टेस्ला को प्रभावित करता है. मस्क ने इसे “अनावश्यक फिजूलखर्ची” करार देते हुए ट्रंप को पद से हटाने की बात तक कह डाली.
मेरे बिना ट्रंप चुनाव हार जाते: मस्क
एलन मस्क ने दावा किया कि उनके तकनीकी प्लेटफॉर्म और जन प्रभाव के बिना ट्रंप 2024 का चुनाव नहीं जीत पाते. उन्होंने कहा, "अगर मैंने ट्रंप का समर्थन न किया होता, तो रिपब्लिकन सीनेट में बहुमत भी नहीं पाते. ट्रंप इस सच्चाई को मानने से कतरा रहे हैं."
ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया दी, "मैं मस्क के बिना भी जीतता, और अब उनके अहंकार का अंत समय आ गया है."
सरकारी ठेके और सब्सिडी खतरे में: ट्रंप
मस्क की बयानबाज़ी से तिलमिलाए ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि वे मस्क की कंपनियों को दी जा रही अरबों डॉलर की सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट पर पुनर्विचार करेंगे. उन्होंने लिखा, "मुझे हैरानी है कि बाइडेन ने अब तक ये सब्सिडी बंद क्यों नहीं कीं. हम इन फालतू खर्चों को खत्म कर देश का बजट बचा सकते हैं."
ट्रंप ने इलेक्ट्रिक वाहन मैंडेट को ‘जनता पर थोपा गया फैसला’ बताया और कहा कि उनकी नीति ने अमेरिकियों को अपनी मर्जी से कार चुनने की आजादी वापस दी है.
ये भी पढ़ें- 'पाकिस्तान ने कश्मीरियत पर हमला किया, हमने उस पर कयामत बरसा दी...' चिनाब ब्रिज से दहाड़े पीएम मोदी