Thailand and Cambodia Conflict: दक्षिण-पूर्व एशिया में तनावपूर्ण हालात के बीच थाईलैंड और कंबोडिया ने रविवार को संकेत दिया कि वे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए आपसी बातचीत को तैयार हैं. यह राजनयिक पहल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद सामने आई है. ट्रंप ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से सीधी बातचीत की, जिसके बाद युद्धविराम की दिशा में सहमति बनने की खबर सामने आई.
सीमा पर जारी संघर्ष ने अब तक 34 लोगों की जान ले ली है, जबकि 1.68 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं. लगातार हो रही गोलीबारी और सैन्य गतिविधियों से आम नागरिकों की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी. ऐसे में ट्रंप की मध्यस्थता को एक राजनयिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है.
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से मेरी सकारात्मक बातचीत हुई है. दोनों देश शांति और तत्काल युद्धविराम चाहते हैं. यदि ऐसा नहीं होता, तो अमेरिका दोनों देशों के साथ व्यापार समझौतों पर आगे नहीं बढ़ेगा.” ट्रंप के इस कड़े संदेश और कूटनीतिक दबाव के बाद ही दोनों देशों ने जल्द बातचीत की इच्छा जाहिर की.
कंबोडिया की सीधी रजामंदी
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने रविवार को स्पष्ट किया कि उनका देश बिना शर्त और तुरंत युद्धविराम के लिए तैयार है. उन्होंने ट्रंप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए बेहद जरूरी थी.
थाईलैंड ने भी दिखाई सहमति
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने भी ट्रंप को धन्यवाद देते हुए सैद्धांतिक रूप से युद्धविराम पर सहमति दी है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि कंबोडिया को ईमानदारी से कदम उठाने होंगे. थाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि शांति की दिशा में अब द्विपक्षीय वार्ता की आवश्यकता है.
अब क्या आगे होगा?
दोनों देशों के बीच शीघ्र वार्ता संभावित है. युद्धविराम की निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठन की भूमिका पर विचार किया जा सकता है. साथ ही सीमा पर विस्थापित लोगों की पुनर्वास योजना पर भी जल्द सहमति बनने की उम्मीद है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर
इस घटनाक्रम से साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप भले ही पद पर न हों, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी प्रभावशीलता अभी भी बनी हुई है. उनकी इस पहल को एक निजी राजनयिक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हजारों जानों को संभावित युद्ध से बचा लिया.
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