Trump New Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है कि ब्रिक्स देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाएंगे. इस फैसले का सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों ने अमेरिका के खिलाफ कदम उठाए हैं और डॉलर की ताकत को कमजोर करने की कोशिश की है. ऐसे में यह कदम उठाना जरूरी था. खास बात यह है कि ट्रंप ने भारत का नाम लेकर कहा कि भारत समेत सभी ब्रिक्स सदस्य देशों को इस नए टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
ब्रिक्स संगठन पर हमला
ट्रंप ने ब्रिक्स संगठन को अमेरिका विरोधी करार दिया. उनका कहना था कि इस संगठन में शामिल सभी देशों ने ब्राजील के रियो में आयोजित समिट में अमेरिकी व्यापार नीतियों की आलोचना की थी. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि भारत को इस नीति से छूट नहीं दी जा सकती, क्योंकि वह भी उस संगठन का हिस्सा है जो अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति में किसी भी तरह का अपवाद नहीं होगा.
टैरिफ का प्रभाव और वार्ता का मौका
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव, स्कॉट बेसेंट के हवाले से रॉयटर्स ने जानकारी दी है कि इस नए टैरिफ को 1 अगस्त से प्रभावी नहीं किया जाएगा. इसका मतलब यह है कि वार्ताकारों को समझौते पर पहुंचने के लिए और समय मिलेगा. इससे पहले, जापान और साउथ कोरिया ने इस कदम के खिलाफ बातचीत शुरू करने का फैसला लिया है. इन दोनों देशों को भी 25 से 40 प्रतिशत तक के अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
ट्रंप का डॉलर पर जोर
व्हाइट हाउस में आयोजित एक बैठक में ट्रंप ने ब्रिक्स के खिलाफ अपना रुख और भी स्पष्ट किया. उन्होंने कहा, "ब्रिक्स कोई गंभीर खतरा नहीं है, लेकिन वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वह डॉलर को कमजोर करना है. डॉलर राजा है, और हम इसे ऐसे ही बनाए रखेंगे. अगर अन्य देश इसे चुनौती देना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए भारी कीमत चुकानी होगी." इसके अलावा, ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह तांबे के आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ और फार्मास्यूटिकल्स पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं.
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