मोस्ट वांटेड लिस्ट में ट्रंप और मस्क, अलकायदा ने किन नेताओं को मारने की खाई कसम? 6 मिलियन डॉलर का इनाम

    दुनिया एक बार फिर आतंक के मुंहाने पर खड़ी है — लेकिन इस बार धमकी किसी छिपे हुए चेहरे या छद्म संगठन से नहीं, बल्कि खुद को “खलीफा की तलवार” मानने वाले आतंकी नेता से आई है.

    Trump Musk on most wanted list Al Qaeda vow to kill
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    दुनिया एक बार फिर आतंक के मुंहाने पर खड़ी है — लेकिन इस बार धमकी किसी छिपे हुए चेहरे या छद्म संगठन से नहीं, बल्कि खुद को “खलीफा की तलवार” मानने वाले आतंकी नेता से आई है. अल कायदा के यमन स्थित गुट अरब प्रायद्वीप शाखा (AQAP) के नए सरगना साद बिन अतेफ अल-अवलाकी ने एक बार फिर आतंक का काला झंडा बुलंद किया है — और निशाने पर है अमेरिका का शीर्ष नेतृत्व.

    अल-अवलाकी का ‘प्रोपेगैंडा वीडियो’

    "Inciting the Believers" यानी "विश्वासियों को उकसाना" — यही नाम है उस तीन मिनट के वीडियो का, जिसे अल-अवलाकी ने जारी किया है. लेकिन इसमें किसी धर्म, दया या आस्था की बात नहीं, बल्कि खून, बदला और कत्ल की बात है. इस वीडियो में उसने खुली चेतावनी दी है: “ट्रंप, वेंस, एलन मस्क और अन्य अमेरिकी प्रभावशाली व्यक्तियों की हत्या करो. किसी से अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं.”

    इस्लाम के नाम पर हिंसा का नया पन्ना?

    अवलाकी ने अमेरिका के मुसलमानों से कहा कि वो अब चुप न रहें. इजरायल के समर्थन के चलते अमेरिका को उसकी "सजा" मिलनी चाहिए. उसने कहा कि "जो लोग अमेरिका की राजनीति, अर्थव्यवस्था या टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करते हैं, वे सभी फिलिस्तीनियों के खून के ज़िम्मेदार हैं." अल कायदा का यह बयान सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं को भड़काकर हिंसा फैलाने का प्रयास है — और यही उसका सदियों पुराना हथियार रहा है.

    'किल लिस्ट' में कौन हैं निशाने पर?

    इस वीडियो में केवल नेताओं को नहीं, बल्कि उनके परिवारों और करीबियों को भी निशाने पर रखने की बात कही गई है. जिन प्रमुख नामों का जिक्र उसने किया:

    • डोनाल्ड ट्रंप
    • जेडी वेंस
    • एलन मस्क
    • मार्को रुबियो
    • पीट हेगसेथ

    यानी ये सिर्फ एक चेतावनी नहीं — खून से लिखी गई हिट लिस्ट है, जिसमें अमेरिका के सबसे बड़े निर्णयकर्ताओं को "सजा" देने की बात की जा रही है.

    इजरायल का समर्थन बना आतंक का बहाना

    अवलाकी ने दावा किया कि गाजा में फिलिस्तीनियों पर हो रही बमबारी का बदला अब अमेरिका से लेना ज़रूरी है. उसने कहा: “जैसे इजरायल ने अस्पतालों, महिलाओं और बच्चों को नहीं बख्शा — वैसे ही हम भी अब कोई रेड लाइन नहीं मानते.” उसके अनुसार अब युद्ध में “निर्दोष” और “गुनहगार” की कोई परिभाषा नहीं बची है. यह बयान एक बार फिर दिखाता है कि अल कायदा जैसे संगठन अपने धार्मिक एजेंडे की आड़ में वैश्विक हिंसा फैलाने की फिराक में हैं.

    पूर्ववर्ती हमलों की भी प्रशंसा की गई

    अवलाकी ने न केवल आगामी हिंसा के लिए उकसाया, बल्कि यहूदी समुदाय पर हुए हालिया हमलों की तारीफ भी की. उसने ट्रंप के खिलाफ पिछले हत्या के प्रयासों को “साहसिक प्रयास” बताया और कहा कि दुनिया को अब “यहूदियों के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं छोड़ना चाहिए.” यह सिर्फ कट्टरपंथ नहीं, बल्कि दुनिया भर में उन्माद और अराजकता फैलाने की साज़िश है — जो इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे माध्यमों से आम लोगों तक पहुंच रही है.

    अवलाकी पर अमेरिका ने रखा है 60 लाख डॉलर का इनाम

    इस नए वीडियो के बाद अमेरिका ने अल-अवलाकी को लेकर और भी सतर्कता बरती है. विदेश विभाग पहले ही उस पर $6 मिलियन का इनाम घोषित कर चुका है. मार्च 2024 में उसने AQAP की कमान संभाली थी और तभी से वह एक “घोषित वैश्विक आतंकी” बना हुआ है.

    क्या आने वाले दिन और भी खतरनाक होंगे?

    जिस अंदाज़ में अल कायदा का यह नया वीडियो सामने आया है, उसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. यह केवल एक आतंकवादी संगठन की बयानबाज़ी नहीं, बल्कि एक साइकोलॉजिकल वारफेयर है — जो अमेरिका की आंतरिक शांति, उसकी विविधता और उसकी सुरक्षा रणनीतियों को चुनौती दे रहा है.

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