वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्षविराम का श्रेय खुद को दिया है. अमेरिकी मीडिया नेटवर्क फॉक्स न्यूज को दिए एक ताज़ा साक्षात्कार में राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों को युद्ध से रोक दिया. उनका कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही गोलीबारी के दौरान कुल सात सैन्य विमान मार गिराए गए थे, और हालात इतने गंभीर हो गए थे कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ सकता था.
हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये सात विमान किस देश के थे, कब और कहां गिराए गए, और न ही इसकी स्वतंत्र पुष्टि किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी या देश ने की है. फिर भी, उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा दी गई ‘टैरिफ की धमकी’ ने दोनों देशों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.
ट्रंप का दावा: टैरिफ नहीं मानते तो युद्ध होता
राष्ट्रपति ट्रंप के अनुसार, उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों को चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने युद्ध नहीं रोका, तो अमेरिका उनके खिलाफ 200 प्रतिशत तक व्यापारिक शुल्क (टैरिफ) लागू करेगा. उन्होंने कहा, "मैंने दोनों देशों को साफ शब्दों में कहा था कि यदि आप पीछे नहीं हटे तो हम 200 प्रतिशत शुल्क लगा देंगे. इससे आपके लिए अमेरिका के साथ व्यापार करना असंभव हो जाएगा."
उन्होंने आगे कहा कि इस चेतावनी के 24 घंटे के भीतर युद्ध रुक गया, और दोनों देशों ने संघर्षविराम को स्वीकार कर लिया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने की तारीफ: ट्रंप
इस इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें धन्यवाद दिया है और कहा है कि उनकी वजह से "लाखों लोगों की जान बच गई". ट्रंप ने कहा, "पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष रुकवाकर लाखों लोगों को मरने से बचा लिया."
हालांकि पाकिस्तान सरकार की ओर से इस तरह का कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है जो ट्रंप के दावे की पुष्टि करता हो.
युद्धविराम हमारी सैन्य बातचीत से हुआ
भारत ने ट्रंप के दावों पर सख्त प्रतिक्रिया दी है और उन्हें "तथ्यहीन" और "एकतरफा" करार दिया है. भारत सरकार के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का निर्णय किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या दबाव का परिणाम नहीं था, बल्कि यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई औपचारिक और सीधी बातचीत से हुआ.
क्या हुआ था अप्रैल-मई 2025 में?
22 अप्रैल 2025 को भारत के जम्मू-कश्मीर स्थित पहलगाम इलाके में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. भारत ने इस हमले के लिए सीमा पार स्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया.
इसके बाद, 7 मई को भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" लॉन्च किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.
इस सैन्य कार्रवाई के दौरान सीमा पर चार दिनों तक गोलाबारी हुई. दोनों पक्षों के बीच हालात तनावपूर्ण हो गए थे.
10 मई को दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद संघर्षविराम पर सहमति बनी.
भारत का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया स्वतंत्र और द्विपक्षीय थी, इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी.
क्या सच में 7 विमान गिराए गए थे?
ट्रंप ने जिन 7 विमानों के गिराए जाने का जिक्र किया, उसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. न भारत ने, न पाकिस्तान ने और न ही किसी अंतरराष्ट्रीय रक्षा विश्लेषक या एजेंसी ने ऐसे किसी आंकड़े की पुष्टि की है.
इस दावे को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह संख्या "प्रतीकात्मक" या राजनीतिक बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई हो सकती है. इससे पहले भी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार भारत-पाक संघर्ष में अपनी भूमिका को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, लेकिन भारत ने हर बार इसका खंडन किया है.
भारत की विदेश नीति: कोई तीसरा पक्ष नहीं
भारत की नीति हमेशा से साफ रही है कि वह भारत-पाक संबंधों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मान्यता नहीं देता. चाहे कश्मीर हो या सीमा पर संघर्षविराम, भारत केवल सीधे वार्ता को ही तवज्जो देता है.
संयुक्त राष्ट्र सहित कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने यह रुख स्पष्ट किया है कि किसी भी विवाद का समाधान द्विपक्षीय वार्ता से ही होगा.
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