वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण सैन्य हालात के संदर्भ में चौंकाने वाला दावा किया है. व्हाइट हाउस में आयोजित एक उच्चस्तरीय कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बेहद गंभीर टकराव की स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी.
उन्होंने दावा किया कि यह सैन्य संघर्ष चार दिन तक चला था और अगर समय रहते हस्तक्षेप न होता, तो यह टकराव परमाणु युद्ध का रूप ले सकता था. ट्रंप के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पांच से छह लड़ाकू विमान भी मार गिराए गए थे.
स्थिति की गंभीरता को बताया ‘बेहद खतरनाक’
ट्रंप ने अपने बयान में कहा, "दोनों देश पूरी ताकत से एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे थे. हालात बहुत गंभीर हो गए थे. यह टकराव इतना बड़ा हो सकता था कि दुनिया एक भयावह परमाणु युद्ध की ओर बढ़ जाती."
उन्होंने यह भी कहा कि तनाव को कम करने की दिशा में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रयास किए और उस संकट को टालने में अमेरिका की कूटनीतिक भूमिका बेहद निर्णायक रही.
भारत और पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल
हालांकि ट्रंप ने स्पष्ट नहीं किया कि जो विमान तबाह हुए थे, वे किस देश के थे भारत के या पाकिस्तान के. इस बयान को लेकर अटकलें और सवाल उठना स्वाभाविक हैं, क्योंकि भारत सरकार पहले ही इस तरह के किसी भी अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को खारिज कर चुकी है.
भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाइयों में तनाव को कम करने का निर्णय आपसी बातचीत और आंतरिक सैन्य समझदारी के तहत लिया गया था, और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं रही.
व्यापार को बताया संघर्ष की समाप्ति का कारण
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने वक्तव्य में यह भी दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने में व्यापारिक वार्ताओं की बड़ी भूमिका रही. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो भी मुद्दे थे, उन्हें हमने व्यापारिक डील के जरिए हल किया. मेरी नजर में यही सबसे बड़ा कारण था कि दोनों देश पीछे हटे और शांति की ओर बढ़े."
ट्रंप ने यह भी कहा कि उनका मूल लक्ष्य दुनिया में शांति और स्थिरता लाना है, और इसी दिशा में उन्होंने कई देशों के बीच तनाव कम कराने की कोशिश की है.
अजरबैजान-आर्मेनिया शांति समझौते के दौरान बयान
यह बयान उस समय आया जब ट्रंप व्हाइट हाउस में अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान के साथ एक त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में मौजूद थे.
इस कार्यक्रम में उन्होंने अमेरिका की मध्यस्थता में अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच हुई शांति वार्ता को बड़ी उपलब्धि बताते हुए भारत-पाकिस्तान का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा, "आज का यह समझौता भारत और पाकिस्तान के साथ हमारी सफलता के बाद हुआ है."
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