Top 5 Wicket Taker In Test Cricket: टेस्ट क्रिकेट हमेशा से उन खिलाड़ियों का मंच रहा है, जो अपनी कला, संयम और कौशल से मैच का रुख पलट देते हैं. जहां बल्लेबाज अपने शानदार शॉट्स से चर्चा में रहते हैं, वहीं गेंदबाज अपनी धारदार गेंदों से इतिहास रचते हैं. कुछ ऐसे ही दिग्गज हैं जिन्होंने सालों तक अपनी स्पिन और स्विंग से विरोधी टीमों के हौसले पस्त किए.
मुथैया मुरलीधरन
श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट के सबसे सफल गेंदबाज हैं. उन्होंने 1992 में अपने करियर की शुरुआत की और अगले 18 सालों तक दुनिया के हर बल्लेबाज को अपनी घूमती गेंदों में उलझाकर रखा. मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैचों में 800 विकेट हासिल किए — यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जिसे आज तक कोई तोड़ नहीं पाया. उनकी गेंदबाजी की कला और निरंतरता ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में अमर बना दिया.
शेन वॉर्न
स्पिन गेंदबाजी को एक नई परिभाषा देने वाले शेन वॉर्न का नाम क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. 1992 से 2007 तक के करियर में वॉर्न ने 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट चटकाए. उनकी ‘लेग स्पिन’ इतनी घातक होती थी कि बल्लेबाज उनकी गेंदों को समझ ही नहीं पाते थे. वॉर्न ने न सिर्फ विकेट लिए बल्कि क्रिकेट को रोमांच से भर दिया. 2022 में उनके निधन ने क्रिकेट जगत को गहरा सदमा दिया.
जेम्स एंडरसन
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में लगातार दो दशकों तक अपनी स्विंग से बल्लेबाजों को परेशान करते रहे. 188 मैचों में 704 विकेट लेने वाले एंडरसन 700 विकेट पूरे करने वाले तीसरे खिलाड़ी बने. 2024 में उन्होंने अपने शानदार 21 साल के करियर को अलविदा कहा. उनके सम्मान में भारत और इंग्लैंड की टेस्ट सीरीज़ का नाम ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ रखा गया — एक ऐसा सम्मान जो उनके योगदान को दर्शाता है.
अनिल कुंबले
भारत के महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले का नाम क्रिकेट इतिहास में गर्व से लिया जाता है. उन्होंने 1990 से 2008 तक खेले गए 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट हासिल किए. कुंबले की गेंदबाजी में स्पिन के साथ दृढ़ता और सटीकता का शानदार मेल देखने को मिलता था. वह आज भी टेस्ट क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट लेने वाले एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं.
स्टुअर्ट ब्रॉड
स्टुअर्ट ब्रॉड ने इंग्लैंड की गेंदबाजी को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई. 2007 से 2023 तक खेले गए 167 टेस्ट मैचों में उन्होंने 604 विकेट अपने नाम किए. ब्रॉड की खासियत थी उनकी आक्रामकता और सही समय पर विकेट निकालने की क्षमता. एंडरसन के साथ उनकी जोड़ी को टेस्ट इतिहास की सबसे खतरनाक पेस पार्टनरशिप में गिना जाता है.
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