अमेरिका को भारत की जरूरत है...निक्की हेली की ट्रंप को दो टूक; चीन से मुकाबले के लिए सलाह

    पूर्व अमेरिकी राजदूत और रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने एक बार फिर भारत को अमेरिका का अहम रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा है कि चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका को भारत जैसे दोस्त की जरूरत है.

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    पूर्व अमेरिकी राजदूत और रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने एक बार फिर भारत को अमेरिका का अहम रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा है कि चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए अमेरिका को भारत जैसे दोस्त की जरूरत है. उन्होंने दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूती देने और आपसी मतभेदों को बातचीत से सुलझाने की सलाह दी है.

    अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर हेली ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के साझा लोकतांत्रिक मूल्य उन्हें एकजुट करते हैं, और आने वाले समय में यह साझेदारी वैश्विक शक्ति संतुलन में निर्णायक भूमिका निभा सकती है.

    रूसी तेल पर ट्रंप की नाराज़गी को भारत को गंभीरता से लेना चाहिए

    निक्की हेली ने भारत को सलाह दी कि वह रूसी तेल के आयात को लेकर अमेरिका की चिंताओं पर गौर करे. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को डोनाल्ड ट्रंप की संभावित आपत्तियों को नजरअंदाज करने के बजाय, वॉइट हाउस के साथ मिलकर समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. उनके मुताबिक, “भारत को चाहिए कि वह रूसी तेल के मसले पर ट्रंप की बात को गंभीरता से ले और अमेरिका के साथ तालमेल बनाकर आगे बढ़े. जितनी जल्दी यह मतभेद सुलझेंगे, दोनों देशों के हित में उतना ही बेहतर होगा.”

    आर्थिक मतभेदों को छोड़ साझा हितों पर ध्यान जरूरी

    निक्की हेली ने यह भी माना कि व्यापारिक नीतियों और ऊर्जा संबंधी फैसलों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच मतभेद हैं, लेकिन ऐसे मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा, “कठोर बातचीत होनी चाहिए, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों देशों के साझा लक्ष्य एक जैसे हैं—लोकतंत्र की रक्षा, चीन का मुकाबला और वैश्विक स्थिरता.”

    भारत का विकास अमेरिका के लिए खतरा नहीं, बल्कि एक मौका है

    22 अगस्त को किए गए अपने एक अन्य पोस्ट में हेली ने स्पष्ट किया कि भारत का सशक्त और लोकतांत्रिक रूप से मजबूत होना अमेरिका के लिए खतरे की नहीं, बल्कि साझेदारी की संभावना है. उन्होंने लिखा, “भारत का लोकतांत्रिक विकास फ्री वर्ल्ड (स्वतंत्र विश्व) के लिए ख़तरा नहीं, बल्कि चीन की आक्रामकता को रोकने का एक मौका है.”

    हेली-ड्रेक्सेल का संयुक्त लेख: भारत को मज़बूत करना अमेरिका के हित में

    न्यूजवीक में छपे अपने लेख में निक्की हेली और बिल ड्रेक्सेल ने भारत-अमेरिका रिश्तों की गहराई पर विस्तार से चर्चा की. लेख में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद और तनावपूर्ण संबंध हैं. 2020 में गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के सामने चीन की सैन्य और आर्थिक आक्रामकता से निपटने की चुनौती लगातार बढ़ रही है, और अमेरिका को चाहिए कि वह इस चुनौती में भारत की हर स्तर पर मदद करे.

    आगे की राह: साझेदारी को रणनीतिक प्राथमिकता बनाए अमेरिका

    निक्की हेली की बातों से यह साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका की राजनीति में भारत को लेकर सोच बदल रही है. भारत को सिर्फ एक व्यापारिक सहयोगी नहीं, बल्कि चीन के खिलाफ एक मजबूत साझेदार के रूप में देखा जा रहा है.अब देखना यह होगा कि अमेरिका और भारत अपने आपसी मतभेदों को कैसे सुलझाते हैं और चीन के बढ़ते प्रभाव के सामने एक संयुक्त मोर्चा कैसे तैयार करते हैं.

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