ट्रंप की बढ़ने वाली मुसिबत! पुतिन के खास किम जोंग ने तैयार किया 'S-400', इतना शक्तिशाली कांप जाएंगे दुश्मन

    उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दुनिया की महाशक्तियों, खासकर अमेरिका, को चौकन्ना कर दिया है. इस बार बात न परमाणु हथियारों की है, न ही किसी बैलिस्टिक मिसाइल या हाइपरसोनिक तकनीक की.

    North Korea Develops thier own S 400 air defence new tension for trump america
    File Image Source: Social Media

    उत्तर कोरिया ने एक बार फिर दुनिया की महाशक्तियों, खासकर अमेरिका, को चौकन्ना कर दिया है. इस बार बात न परमाणु हथियारों की है, न ही किसी बैलिस्टिक मिसाइल या हाइपरसोनिक तकनीक की. इस बार किम जोंग उन ने ऐसा कदम उठाया है जो सीधे अमेरिका की सुरक्षा चिंताओं को छूता है. उन्होंने अपनी सेना को एक नया, बेहद शक्तिशाली और अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम सौंप दिया है.

    इस नए रक्षा कवच की वजह से उत्तर कोरिया अब दावा कर रहा है कि कोई भी दुश्मन मिसाइल उसकी सीमा में दाखिल नहीं हो पाएगी. ऐसे समय में जब दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है, किम जोंग उन का यह कदम अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक बड़ी चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है.

    नई तकनीक, नई चुनौती दो एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण

    उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए (KCNA) के मुताबिक, 23 अगस्त को उत्तर कोरिया ने दो नई एयर डिफेंस प्रणालियों का परीक्षण किया. इस परीक्षण के दौरान किम जोंग उन खुद मौके पर मौजूद थे और उन्होंने पूरी प्रक्रिया की निगरानी की. हालांकि परीक्षण स्थल की जानकारी गुप्त रखी गई है. 

    रिपोर्ट में बताया गया है कि इन दोनों डिफेंस सिस्टम में ऐसी विशेष तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो रडार से बचने वाले या तेजी से आने वाले टारगेट को भी हवा में ही ध्वस्त करने में सक्षम है. KCNA ने दावा किया कि इनका ऑपरेशन सिस्टम "विशिष्ट और प्रतिक्रियाशील" (unique & responsive) तकनीक पर आधारित है.

    तस्वीरें बनीं चर्चा का विषय

    KCNA द्वारा जारी की गई तस्वीरों में किम जोंग उन को एक अज्ञात लोकेशन पर खड़ा देखा जा सकता है, जहां वे बड़ी स्क्रीन पर मिसाइल की दिशा और फायरिंग को गौर से देख रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब किम ने सैन्य गतिविधियों की सार्वजनिक रूप से निगरानी की हो, लेकिन इस बार जिस तकनीक का परीक्षण हुआ है, उसने कई देशों को चिंता में डाल दिया है.

    दक्षिण कोरिया से झड़प के बाद तुरंत परीक्षण

    19 अगस्त को उत्तर और दक्षिण कोरिया के सैनिकों के बीच नियंत्रण रेखा पर झड़प की खबर सामने आई थी. दक्षिण कोरियाई सेना ने दावा किया था कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने सीमा पार करने की कोशिश की, जिसके बाद चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाई गईं. इसी तनावपूर्ण पृष्ठभूमि में उत्तर कोरिया ने एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण कर यह संकेत दिया है कि वह किसी भी हालात के लिए पूरी तरह तैयार है.

    अमेरिका क्यों है टेंशन में?

    अमेरिका को उत्तर कोरिया की इस नई उपलब्धि से इसलिए चिंता है क्योंकि वह दक्षिण कोरिया का प्रमुख सैन्य सहयोगी है. इसके अलावा, उत्तर कोरिया के पास पहले से ही ऐसे घातक हथियार मौजूद हैं जो अमेरिका तक पहुंच सकते हैं:

    ह्वासोंग-19 मिसाइल: अक्टूबर 2024 में इसका सफल परीक्षण हुआ था. इसकी मारक क्षमता 15,000 किलोमीटर है, यानी अमेरिका के भीतर कहीं भी हमला कर सकती है. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और ठोस ईंधन तकनीक से लैस है, जिससे इसकी लॉन्चिंग तेज और पहचानना मुश्किल होता है. 

    हाइपरसोनिक मिसाइल: ध्वनि की गति से पांच गुना तेज, ये मिसाइलें 1,000 किमी की दूरी को चंद मिनटों में तय कर सकती हैं. इन्हें ट्रैक करना और रोकना लगभग नामुमकिन है. परमाणु जखीरा: विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर कोरिया के पास करीब 50 परमाणु हथियार हैं, और उसके पास क्षमता है कि वह 90 तक परमाणु बम बना सकता है.

    क्या यह कूटनीतिक दबाव बनाने की रणनीति है?

    उत्तर कोरिया का यह कदम केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है—दक्षिण कोरिया और अमेरिका को यह जताने के लिए कि वह न सिर्फ आक्रमण के लिए तैयार है, बल्कि अब पहले से कहीं बेहतर तरीके से अपनी रक्षा भी कर सकता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह परीक्षण भविष्य में कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य संतुलन को प्रभावित कर सकता है, और अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति के लिए भी एक नई चुनौती खड़ी कर सकता है.

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