पहलगाम और पुतिन के भारत दौरे का जिक्र, फिर रूस को शुक्रिया... ट्रंप को चुभेगी अजीत डोभाल की ये बातें

    भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल इस समय रूस की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने मॉस्को में रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु से एक अहम मुलाकात की.

    These things said by Ajit Doval in Russia will hurt Trump
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल इस समय रूस की आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने मॉस्को में रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु से एक अहम मुलाकात की. इस बैठक में डोभाल ने न केवल भारत-रूस के गहरे और ऐतिहासिक संबंधों पर बात की, बल्कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी उल्लेख किया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.

    इस मुलाकात में डोभाल द्वारा दिए गए बयान को भले ही औपचारिक कूटनीतिक लहजे में देखा जा रहा हो, लेकिन जानकार मानते हैं कि इस वक्त रूस के प्रति भारत के खुले समर्थन और कृतज्ञता के भाव से अमेरिका, विशेष रूप से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को असहजता हो सकती है. ट्रंप हाल ही में भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर नाराजगी जता चुके हैं और इसके जवाब में अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी भी दे चुके हैं.

    रूस को "पुराना और भरोसेमंद मित्र" कहा

    सर्गेई शोइगु से मुलाकात के दौरान डोभाल ने साफ तौर पर कहा, "मैं रूस का, खास तौर पर राष्ट्रपति पुतिन का, शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. भारत में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद रूस की तरफ से जिस तरह से समर्थन मिला, वह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है."

    एनएसए डोभाल ने रूसी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी राष्ट्रपति पुतिन को विशेष धन्यवाद दिया गया है. उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत और रूस दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ पूरी मजबूती और प्रतिबद्धता के साथ खड़े हैं.

    डोभाल के इस बयान के निहितार्थ गहरे हैं, खासकर तब जब भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है कि वह रूस से अपने ऊर्जा संबंधों को सीमित करे. लेकिन इस बयान के ज़रिए भारत ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखने के पक्ष में है और किसी एक ध्रुव पर निर्भर नहीं रहना चाहता.

    पुतिन की भारत यात्रा को लेकर संकेत

    इस उच्च स्तरीय मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की संभावित भारत यात्रा पर भी चर्चा हुई. अजीत डोभाल ने इस संबंध में कहा, "हम पुतिन जी की यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं. मुझे लगता है कि तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं."

    यह बयान इस ओर संकेत करता है कि भारत-रूस संबंध केवल रक्षा या सुरक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि व्यापक रणनीतिक और कूटनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं.

    साझेदारी को लेकर साझा दृष्टिकोण

    डोभाल और शोइगु के बीच चर्चा में दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विश्वास और सहयोग की भावना पर भी बल दिया गया. डोभाल ने कहा, "हमारे बीच बहुत गहरे, विशेष और दीर्घकालिक संबंध हैं. यह एक रणनीतिक साझेदारी है जिसे हम पूरी गंभीरता से लेते हैं. हम उच्चतम स्तर पर संवाद बनाए हुए हैं और भविष्य के लिए भी इसे और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

    बैठक के दौरान हाल ही में सम्पन्न हुए भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के सत्र की समीक्षा की गई, जिसमें व्यापार, विज्ञान, तकनीक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे विषयों पर हुई प्रगति को सकारात्मक रूप से देखा गया.

    भारत-रूस सहयोग की वैश्विक भूमिका

    डोभाल ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए माना कि यह समय चुनौतियों से भरा हुआ है. लेकिन ऐसे समय में भारत और रूस का परस्पर सहयोग वैश्विक स्थिरता और संतुलन के लिए आवश्यक है. उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देशों को मिलकर नई रणनीतियों और विचारों को अपनाना चाहिए ताकि मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटा जा सके.

    अमेरिका के लिए निहित संदेश?

    हालांकि डोभाल के बयान प्रत्यक्ष रूप से अमेरिका या किसी अन्य देश को संबोधित नहीं थे, लेकिन समय और संदर्भ को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत ने अपनी स्थिति को बहुत स्पष्ट रूप से दर्शाया है. भारत किसी एक ध्रुव की ओर झुकने की बजाय बहुध्रुवीय दुनिया में संतुलित और आत्मनिर्भर भूमिका निभाने को प्राथमिकता दे रहा है.

    डोभाल का रूस में दिया गया यह संदेश उस वक्त आया है जब भारत पर अमेरिका द्वारा रूस के साथ ऊर्जा और रक्षा सहयोग को सीमित करने का अप्रत्यक्ष दबाव डाला जा रहा है. लेकिन भारत की रणनीति साफ है वह अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता किए बिना सभी वैश्विक शक्तियों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखना चाहता है.

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