जल्द उड़ान भरेगा भारत का AMCA फाइटर जेट, फ्रांस के साथ होगी बड़ी डील, दुश्मन देशों की उड़ेगी नींद!

    भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को स्वदेशी तकनीक के ज़रिए मज़बूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है.

    There will be a deal between India and France for AMCA fighter jet
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को स्वदेशी तकनीक के ज़रिए मज़बूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है. आने वाले कुछ ही समय में भारत और फ्रांस के बीच एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौता (Defence Deal) होने की संभावना है, जिसके तहत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों (Fifth Generation Fighter Jets) के लिए इंजन को भारत में ही विकसित और निर्मित किया जाएगा.

    यह प्रोजेक्ट न केवल भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ावा देगा, बल्कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों के लिए देश को आत्मनिर्भर भी बनाएगा.

    स्वदेशी फाइटर जेट इंजन का सपना होगा साकार

    भारत में लंबे समय से अपनी लड़ाकू विमानों के लिए इंजन निर्माण की आवश्यकता महसूस की जाती रही है. अब यह सपना साकार होता नजर आ रहा है. फ्रांस की जानी-मानी एयरोस्पेस कंपनी Safran (साफरान) और भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) मिलकर फुल स्केल को-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत फाइटर जेट इंजन तैयार करेंगे.

    यह इंजन विशेष रूप से भारत के स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन लड़ाकू विमान AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) के लिए बनाया जाएगा.

    रक्षा मंत्री का बड़ा बयान

    कुछ समय पहले एक प्रमुख इवेंट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दिशा में स्पष्ट संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था, "भारत अब पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण की ओर बढ़ चुका है. हम इन एयरक्राफ्ट्स के लिए इंजन भी अब देश में ही विकसित करने जा रहे हैं. फ्रांस के साथ इस दिशा में काम जल्द शुरू होगा."

    यह बयान भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस संकेत था, और अब यह डील लगभग फाइनल स्टेज में पहुंच चुकी है.

    AMCA: भारत का भविष्य का फाइटर जेट

    भारत का AMCA प्रोजेक्ट देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की योजना का हिस्सा है. यह विमान पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगा और इसे स्टील्थ, सुपरक्रूज़, एआई आधारित एवियोनिक्स जैसे अत्याधुनिक फीचर्स से लैस किया जाएगा.

    AMCA दो फेज़ में विकसित हो रहा है:

    • AMCA Mark-1 – इसमें विदेशी इंजन (GE-414) का उपयोग किया जाएगा
    • AMCA Mark-2 – इसमें भारत-फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया इंजन लगाया जाएगा

    इंजन डेवेलपमेंट में लगेगा वक्त

    सूत्रों के अनुसार, भारत और फ्रांस के बीच यह करार जैसे ही साइन होता है, उसके बाद इंजन के विकास में 10 से 12 साल का समय लग सकता है. यह समय किसी भी एडवांस फाइटर इंजन की कॉम्प्लेक्सिटी को देखते हुए सामान्य है. लेकिन इस दौरान भारत AMCA Mark-1 पर काम जारी रखेगा.

    AMCA Mark-1 की स्थिति:

    • इसमें अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक (GE) कंपनी के GE-414 इंजन का उपयोग किया जाएगा
    • शुरुआती कुछ इंजन अमेरिका से मंगवाए जाएंगे, लेकिन बाद में इन्हें भारत में ही टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए निर्मित किया जाएगा
    • GE के साथ HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) की साझेदारी से यह उत्पादन भारत में संभव हो पाएगा

    तेजस Mark-2: भारत का स्वदेशी फाइटर

    तेजस की सफलता के बाद अब भारत तेजस Mark-2 पर भी काम कर रहा है, जो मौजूदा तेजस से बड़ा और ज्यादा ताकतवर होगा. HAL ने घोषणा की है कि पहला तेजस Mark-2 साल 2026 तक अपनी पहली उड़ान भरने के लिए तैयार होगा. इसमें भी GE-414 इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा.

    तेजस Mark-2 और AMCA Mark-1 की स्क्वाड्रनों के ज़रिए भारत का फाइटर जेट बेड़ा और भी मजबूत होगा, और जब भारत-फ्रांस का नया इंजन तैयार हो जाएगा, तब AMCA Mark-2 इससे लैस होकर सामने आएगा.

    क्या होगा इस डील का महत्व?

    भारत और फ्रांस की यह प्रस्तावित डील रक्षा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है. इसके माध्यम से भारत न केवल फाइटर जेट इंजन निर्माण में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित भी करेगा.

    इस डील के प्रमुख लाभ:

    • स्वदेशीकरण – भारत में इंजन का डिज़ाइन, निर्माण और परीक्षण पूरी तरह स्थानीय रूप से किया जाएगा.
    • रक्षा निर्यात में बढ़त – भविष्य में भारत इन इंजनों का अन्य देशों को भी निर्यात कर सकता है.
    • फ्रांस से स्ट्रैटेजिक रिलेशन मजबूत – रक्षा सहयोग की यह नई ऊंचाई दोनों देशों के संबंधों को और सुदृढ़ करेगी.
    • टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का फायदा – भारत को क्लासिफाइड एयरोस्पेस तकनीकों तक पहुंच मिलेगी.
    • रोजगार और R&D – देश में उच्च तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और रक्षा अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा.

    ये भी पढ़ें- 'अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत तेल खरीदा, दुनिया को महंगाई से बचाया', भारत का अमेरिका को दो टूक जवाब