2 अगस्त को गायब हो जाएगा सूरज! फिर 100 सालों बाद दिखेगा ऐसा नजारा

    कल्पना कीजिए, दोपहर के समय सूरज अचानक गायब हो जाए, चारों ओर अंधेरा छा जाए, पक्षी लौटने लगें और इंसान आकाश की ओर हैरान नजरों से देखने लगे.

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    Image Source: Meta AI

    The Great North African Eclipse: कल्पना कीजिए, दोपहर के समय सूरज अचानक गायब हो जाए, चारों ओर अंधेरा छा जाए, पक्षी लौटने लगें और इंसान आकाश की ओर हैरान नजरों से देखने लगे. ये कोई फिल्मी दृश्य नहीं, बल्कि हकीकत बनने जा रही है 2 अगस्त 2027 को, जब एक ऐतिहासिक पूर्ण सूर्यग्रहण पूरी दुनिया को चौंका देगा.

    इस दिन एक ऐसा खगोलीय संयोग बनेगा, जब सूरज, चंद्रमा और पृथ्वी की सीधी रेखा में स्थिति पृथ्वी के कुछ हिस्सों को करीब 6 मिनट तक गहरी रात में बदल देगी. यह ग्रहण सिर्फ समय की लंबाई के लिए नहीं, बल्कि अपने विज्ञान, दृश्य प्रभाव और दुर्लभता के लिए भी याद किया जाएगा.

    क्यों इतना खास है 2027 का सूर्यग्रहण?

    वैज्ञानिक इसे "The Great North African Eclipse" यानी 'महान उत्तरी अफ्रीकी ग्रहण' कह रहे हैं, क्योंकि इसका अधिकांश प्रभाव अफ्रीका महाद्वीप के ऊपर दिखाई देगा. इतना लंबा और स्पष्ट पूर्ण सूर्यग्रहण 2114 तक दोबारा नहीं देखा जा सकेगा. यह एक सदी में केवल एक बार होने वाली घटना है.

    इन इलाकों में छाएगा 'अंधकार'

    यह ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होगा और धीरे-धीरे दक्षिणी यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप तक फैलेगा। जिन प्रमुख देशों से यह दृश्य दिखाई देगा, उनमें शामिल हैं:

    दक्षिणी स्पेन,

    मोरक्को,

    अल्जीरिया,

    ट्यूनिशिया,

    मिस्त्र,

    सूडान,

    सऊदी अरब,

    यमन,

    और सोमालिया।

    हालांकि, जैसे ही यह ग्रहण हिंद महासागर के ऊपर पहुंचेगा, यह धुंधला और कमजोर हो जाएगा.

    इतना लंबा ग्रहण क्यों होगा? तीन खास वजहें

    इस ऐतिहासिक सूर्यग्रहण के इतने लंबे समय तक चलने के पीछे खगोलीय विज्ञान की तीन मुख्य वजहें हैं:

    • पृथ्वी की सूर्य से दूरी (अपसौर) – जब पृथ्वी सूर्य से सबसे ज्यादा दूरी पर होती है, तब सूरज अपेक्षाकृत छोटा दिखता है.
    • चंद्रमा का धरती से निकटतम बिंदु (पेरिजी) – उस समय चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा और विशाल नजर आएगा.
    • छाया की दिशा और गति – चंद्रमा की छाया भूमध्य रेखा पर गिरेगी, जहां यह धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी, जिससे अंधकार ज्यादा देर तक बना रहेगा.

    इतिहास में सबसे लंबा ग्रहण कब हुआ था?

    इतिहास का अब तक का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण 743 ईसा पूर्व में हुआ था, जो 7 मिनट 28 सेकंड तक चला था. हालांकि 2027 का सूर्यग्रहण इससे थोड़ा छोटा होगा, लेकिन इसकी भव्यता और वैज्ञानिक मूल्य किसी मायने में कम नहीं हैं.

    क्या भारत से दिखाई देगा यह सूर्यग्रहण?

    भारत में यह सूर्यग्रहण पूर्ण रूप से नहीं दिखेगा, लेकिन देश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में आंशिक ग्रहण के दृश्य मिल सकते हैं. वैज्ञानिकों और खगोल प्रेमियों के लिए यह दिन बेहद खास होगा, टेलिस्कोप, विशेष चश्मे और लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए दुनिया भर के लोग इस खगोलीय चमत्कार का गवाह बन सकेंगे.

    कैसे करें इस अनोखी घटना की तैयारी?

    सूर्यग्रहण देखने के लिए हमेशा सोलर फिल्टर या विशेष चश्मे का उपयोग करें. टेलिस्कोप का प्रयोग सुरक्षित तरीके से करें या खगोल विज्ञान केंद्रों के आयोजनों में भाग लें. यदि आप इनमें से किसी देश में हैं जहां यह ग्रहण पूर्ण रूप से दिखेगा, तो इसे अपने जीवन का यादगार अनुभव बना सकते हैं.

    2 अगस्त 2027 का दिन न सिर्फ एक अद्भुत खगोलीय घटना लेकर आएगा, बल्कि यह हमें ब्रह्मांड की अद्भुत ताकत और सुंदरता का अहसास भी कराएगा. दिन के उजाले में रात जैसा अंधकार आना केवल प्रकृति का चमत्कार ही तो है, जो हमें याद दिलाता है कि हम कितने छोटे हैं इस विशाल ब्रह्मांड में.

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