इन दिनों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर तनाव का माहौल बन गया है. दोनों देशों ने अपनी सीमाओं के पास सैन्य तैनाती बढ़ा दी है, और स्थिति इस हद तक बढ़ चुकी है कि शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को भारी गोलाबारी हुई. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए थाईलैंड ने कंबोडिया से सटी अपनी 8 सीमाओं में मार्शल लॉ लागू कर दिया है, जिससे सुरक्षा बलों को और अधिक अधिकार मिल गए हैं.
चंथाबुरी और ट्राट प्रांतों में सेना की कमान संभाल रहे कमांडर अपिचार्ट सैप्रासर्ट ने इस संदर्भ में एक बयान दिया. उन्होंने कहा कि कंबोडिया की ओर से अब हथियारों और बल का प्रयोग बढ़ गया है, जिससे स्थिति को काबू में करने के लिए मार्शल लॉ लागू किया गया है. चंथाबुरी के सात जिलों और ट्राट के एक जिले में यह कानून लागू किया गया है. यह कदम सीमा पर बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए उठाया गया है.
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच बढ़ता विवाद
कंबोडिया के साथ सीमा विवाद को लेकर थाईलैंड का कहना है कि वह इस मुद्दे को किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से नहीं, बल्कि द्विपक्षीय बातचीत से हल करना चाहता है. हालाँकि, चीन ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी. इससे यह साफ होता है कि थाईलैंड कंबोडिया के साथ आपसी समझौते की बजाय बाहरी दखलंदाजी को नकार रहा है.
25 जुलाई को हुई गोलाबारी के बाद की स्थिति
बॉर्डर पर गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को हुई गोलाबारी में 9 आम नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर थाईलैंड के नागरिक थे. इसके अलावा 14 लोग घायल भी हुए. इस हमले ने दोनों देशों के बीच बढ़ती हिंसा की स्थिति को और भी खराब कर दिया. थाईलैंड ने अपनी सीमाओं को कंबोडिया से पूरी तरह से बंद कर दिया है और नागरिकों को यात्रा न करने की चेतावनी दी है. थाईलैंड ने कंबोडिया को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर यह संघर्ष जारी रहा तो युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.
कंबोडिया के प्रधानमंत्री की पहल, थाईलैंड का विरोध
कंबोडिया के प्रधानमंत्री ने युद्धविराम की बात की है, लेकिन थाईलैंड के प्रधानमंत्री इस समझौते से पीछे हटते दिख रहे हैं. थाईलैंड का कहना है कि जब तक कंबोडिया अपनी आक्रामक कार्रवाइयां बंद नहीं करता, तब तक युद्धविराम की बात करना जल्दबाजी होगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान
थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यह संघर्ष अब तक का सबसे भीषण संघर्ष साबित हो रहा है, जिसमें कम से कम 15 लोगों की जान चली गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इस भारी नुकसान के बाद, थाईलैंड ने अपने नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है और 1,30,000 से अधिक नागरिकों को सीमा के पास से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है.
संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस विवाद को लेकर एक आपात बैठक बुलाने का फैसला किया है. यह बैठक शुक्रवार, 25 जुलाई को आयोजित होगी, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सीजफायर की कोशिश करना है. हालांकि, थाईलैंड का कहना है कि सीजफायर की बात करना तब तक सही नहीं होगा जब तक कंबोडिया अपनी आक्रामक कार्रवाइयां बंद नहीं करता.
अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की पहल
अमेरिका, चीन और मलेशिया ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मध्यस्थता की पेशकश की है. इसके अलावा, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने दोनों देशों के नेताओं से मिलकर इस विवाद को सुलझाने के प्रयास किए हैं, लेकिन फिलहाल यह स्थिति और भी जटिल होती जा रही है.
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