बिहार की राजनीति ने गुरुवार को एक अहम मोड़ लिया, जब राजधानी पटना में करीब तीन घंटे चली महागठबंधन की बैठक के बाद तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष चुना गया. इस फैसले ने यह लगभग तय कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे.
हालांकि, कांग्रेस की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई, लेकिन पार्टी के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने इतना जरूर स्पष्ट किया कि "महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव ही करेंगे और सीएम फेस को लेकर कोई असमंजस नहीं है." उन्होंने व्यंग्य करते हुए यह भी जोड़ा कि "NDA में जरूर चेहरे को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है."
तेजस्वी ने इशारों में कहा, इंतजार कीजिए
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब तेजस्वी यादव से सीधे-सीधे सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया, "सभी बातों पर सहमति बन चुकी है... थोड़े इंतजार का भी मजा लीजिए. एक ही दिन में सब बता दें क्या?" पारस गुट के महागठबंधन में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा.
संगठित हो रहा है महागठबंधन
इस बैठक में RJD, कांग्रेस, VIP के साथ-साथ वाम दलों की प्रमुख पार्टियों CPI, CPI(M) और CPI-ML के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. निर्णय लिया गया कि महागठबंधन जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक समन्वय समितियों का गठन करेगा, जो नियमित रूप से बैठकें कर साझा रणनीति और मुद्दों पर काम करेंगी. VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा, "हर पार्टी से को-ऑर्डिनेशन कमेटी में एक नेता और एक सहयोगी होंगे. सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे."
तेजस्वी का हमला: "बिहार 20 साल से खटारा सरकार के नीचे है"
प्रेस वार्ता के दौरान तेजस्वी ने राज्य सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "बिहार में गरीबी, बेरोजगारी और अपराध चरम पर हैं. पलायन के मामले में यह राज्य नंबर-1 बन चुका है." उन्होंने दावा किया कि अब तक 5 करोड़ से अधिक लोग रोजगार की तलाश में राज्य से पलायन कर चुके हैं. "गांवों और शहरों में अपराध बेलगाम हो चुके हैं. कानून नाम की चीज नहीं रह गई. नालंदा में नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी, गोपालगंज में गैंगरेप की घटनाएं सामने आ रही हैं और सरकार खामोश है," तेजस्वी ने कहा.
सहनी बोले: इस बार महागठबंधन की सरकार तय है
बैठक में शामिल मुकेश सहनी ने कहा कि, "हमारे गठबंधन में कहीं कोई भ्रम नहीं है. इस बार तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे, और अगर मौका मिला तो मैं डिप्टी सीएम." उन्होंने कहा कि "नीतीश कुमार के पोस्टर लगने से कुछ नहीं होता, जनता अब बदलाव चाहती है."
राजनीति के अगले कदम की तैयारी
पटना की यह बैठक सिर्फ समन्वय समिति के गठन तक सीमित नहीं थी. इसका संदेश साफ है—महागठबंधन अब न सिर्फ सशक्त रूप से एकजुट है, बल्कि तेजस्वी यादव को स्पष्ट रूप से नेता मान चुका है. बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में इससे बड़ा सियासी असर दिख सकता है.
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