पटना: बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ सामने आया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से निष्कासित नेता तेज प्रताप यादव ने शनिवार को एक बड़ा ऐलान किया. पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने महुआ विधानसभा क्षेत्र से आगामी चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने का फैसला लिया. यह घोषणा बिहार की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
महुआ से चुनाव लड़ने का ऐलान
तेज प्रताप यादव ने अपने चुनावी अभियान को लेकर कहा, “टीम तेज प्रताप यादव जनता तक पहुंचने का एक मंच है. इस बार चाचा (नीतीश कुमार) मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे.” उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी सरकार बनेगी, अगर वह युवाओं, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देगी, तो वह पूरी ताकत से उनके साथ खड़े रहेंगे. महुआ से चुनाव लड़ने की अपनी घोषणा को लेकर तेज प्रताप ने कहा, “हम महुआ से चुनाव लड़ेंगे और जनता से न्याय की उम्मीद करेंगे. यहां से हमें लोगों का पूरा समर्थन मिलेगा.”
#WATCH | Patna, Bihar: Former state minister Tej Pratap Yadav says, "Team Tej Pratap Yadav is a platform to reach the people... This time, Uncle (Nitish Kumar) will not become the Chief Minister. Whoever's government is formed, if they talk about youth, employment, education, and… pic.twitter.com/gpb8cJK2e9
— ANI (@ANI) July 26, 2025
राजद से निष्कासन के बाद की स्थिति
तेज प्रताप यादव को उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में राजद से निष्कासित कर दिया था. राजद से निष्कासन का कारण उनके “गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार” को बताया गया था. इसके बाद, तेज प्रताप ने आरोप लगाया था कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ साजिश रचकर उन्हें बाहर किया. उन्होंने कहा कि वे उन "4-5 लोगों" के नामों का खुलासा करेंगे जिन्होंने उनके खिलाफ यह साजिश की थी.
तेज प्रताप ने यह भी कहा था कि उनका परिवार और विशेष रूप से राबड़ी देवी और लालू यादव उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, अब वह अपनी ओर से न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं और इसके लिए वह जनता के बीच जाएंगे.
सोशल मीडिया पर परिवार से रिश्ते में खटास
तेज प्रताप यादव ने राजद से निष्कासन के बाद अपने परिवार के रिश्तों को लेकर भी एक बड़ा कदम उठाया. शुक्रवार को उन्होंने अपनी बहनों मीसा भारती, राज लक्ष्मी यादव, और हेमा यादव को X (पूर्व में ट्विटर) पर अनफॉलो कर दिया. इसके अलावा, उन्होंने राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी अनफॉलो कर दिया. हालांकि, तेज प्रताप अब भी लालू यादव, राबड़ी देवी, और तेजस्वी यादव को फॉलो करते हैं. यह कदम उनके और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच की राजनीति को लेकर नई तरह की हलचल पैदा कर रहा है.
तेज प्रताप यादव का यह फैसला आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नया सियासी मोर्चा खोल सकता है. उनके इस फैसले के बाद राजद और नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा. तेज प्रताप की यह चुनौती बिहार की राजनीति में और भी नया रंग भर सकती है.
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