'मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों...', अब तेजस्वी पर उमड़ा तेज प्रताप का प्यार, जानिए क्या कहा

    बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. चुनावी मौसम करीब आते ही राजद नेता तेज प्रताप यादव ने एक के बाद एक बयानों से पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को गर्मा दिया है.

    Tej Pratap love for Tejashwi
    तेज प्रताप-तेजस्वी | Photo: ANI

    बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. चुनावी मौसम करीब आते ही राजद नेता तेज प्रताप यादव ने एक के बाद एक बयानों से पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को गर्मा दिया है. इस बार उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार से जुड़ी बातों पर चुप्पी तोड़ी, बल्कि राजद के भीतर मौजूद “जयचंद” जैसे गद्दारों पर भी करारा हमला किया है.

    रविवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए तेज प्रताप ने पहले अपने माता-पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के लिए सम्मान और प्रेम प्रकट किया. इसके कुछ ही घंटे बाद, उन्होंने अपने छोटे भाई और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए भी खुले दिल से अपना स्नेह दिखाया.

    तेजप्रताप ने क्या लिखा?

    तेजप्रताप ने लिखा, 'मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों ,तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नही हो सकोगे,कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो लेकिन खुद कृष्ण को नही.हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा.बस मेरे भाई भरोषा रखना मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूँ,फिलहाल दूर हूँ लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ था और रहेगा.मेरे भाई मम्मी पापा का ख्याल रखना,जयचंद हर जगह है अंदर भी और बाहर भी.'

    तेज प्रताप का ये सार्वजनिक प्रेम प्रदर्शन खास तब आया है जब पार्टी के भीतर उनके हाशिए पर होने और निजी जीवन को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं — जिनमें अनुष्का यादव से अलगाव और राजनीतिक दूरी भी शामिल है.

    दोनों पोस्ट में तेज प्रताप ने बार-बार 'जयचंद' शब्द का इस्तेमाल करते हुए साफ इशारा किया कि उन्हें पार्टी के अंदर ही किसी के द्वारा पीछे से वार किया गया है. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा समझने वालों के लिए काफी है.

    तेज प्रताप के बयानों से साफ है कि वे खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं, लेकिन अब वे चुप नहीं बैठना चाहते. पारिवारिक रिश्तों को फिर से जोड़ने की चाह के साथ-साथ वे ये भी जता रहे हैं कि उन्हें पार्टी के भीतर अविश्वास और राजनीतिक साजिशों से लड़ना पड़ रहा है.

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