तेहरान का गुस्सा उबाल पर, क्या इजरायल के लिए बज चुकी है चेतावनी की घंटी, कैसे बदला लेगा ईरान?

    मिडिल ईस्ट एक बार फिर बारूद के ढेर पर खड़ा है. शुक्रवार सुबह इजरायली एयरफोर्स ने ईरान पर बड़ा हमला कर दिया — और वो भी सीधे नातांज के उस परमाणु ठिकाने पर, जिसे तेहरान अपनी रणनीतिक रीढ़ मानता है.

    Tehran warning bell rung for Israel Iran to take revenge
    खामेनेई | Photo: X/Khamenei

    मिडिल ईस्ट एक बार फिर बारूद के ढेर पर खड़ा है. शुक्रवार सुबह इजरायली एयरफोर्स ने ईरान पर बड़ा हमला कर दिया — और वो भी सीधे नातांज के उस परमाणु ठिकाने पर, जिसे तेहरान अपनी रणनीतिक रीढ़ मानता है. साथ ही, ईरान के सैन्य कमांडरों को भी इस हमले में निशाना बनाया गया है. हालांकि अभी तक ईरान की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन संकेत साफ हैं — इस बार इजरायल ने तय कर लिया है कि वह पीछे हटने वाला नहीं.

    ईरान की चेतावनी- जवाब ज़रूर मिलेगा, और वो भी कड़ा

    ईरान सरकार भले ही अभी खुलकर सामने न आई हो, लेकिन रॉयटर्स को दिए एक बयान में ईरानी सुरक्षा सूत्र साफ कर चुके हैं कि जवाब "निर्णायक और कठोर" होगा. शीर्ष स्तर पर रणनीति बनाई जा रही है और पिछली बार के मुकाबले इस बार जवाब ज्यादा आक्रामक हो सकता है — क्योंकि नुकसान बड़ा हुआ है.

    क्या विकल्प हैं ईरान के पास?

    यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट बताती है कि तेहरान अब हर संभावित प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा है. इनमें शामिल हैं:

    • प्रॉक्सी वॉर: हूती, हिज़बुल्लाह और इराक़ी मिलिशिया जैसे ईरान-समर्थित गुटों के ज़रिए हमला
    • ड्रोन और मिसाइल हमले: ईरान के पास लंबी दूरी तक वार करने वाली तकनीक है
    • समुद्री हमले: फारस की खाड़ी में ड्रोन और नौसेना के ज़रिए टारगेट करना
    • राजनयिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायल को घेरना
    • विदेशी धरती पर इजरायली टारगेट पर गुप्त हमले
    • प्रॉक्सी गुट भले कमजोर हैं, खतरा बने रहेंगे

    हिज़बुल्लाह और गाज़ा के गुट भले ही इस वक्त कमजोर हैं, लेकिन इराक की मिलिशिया और हूती विद्रोही अभी भी सक्रिय हैं. इनके पास बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज ड्रोन हैं, जो सीधे इजरायली ठिकानों को निशाना बना सकते हैं.

    मिसाइल ताकत: ईरान का सबसे बड़ा तुरुप का इक्का

    पिछले साल ही ईरान ने अपनी मिसाइल और ड्रोन क्षमताओं से दुनिया को चौंकाया था. अब जबकि नातांज जैसा संवेदनशील ठिकाना निशाने पर रहा है, तो यह लगभग तय है कि जवाब में मिसाइलें चलेंगी — और शायद सीधे इजरायली सैन्य ठिकानों पर.

    समुद्र से भी आ सकता है वार

    तेहरान की नौसेना भी अब चुप नहीं रहेगी. फारस की खाड़ी या ओमान की खाड़ी में व्यापारी जहाजों या इजरायल से जुड़े शिपिंग नेटवर्क को टारगेट करने की रणनीति पर काम हो सकता है. ड्रोन से समुद्री हमलों की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता.

    दुनिया भर में साजिशें?

    एक और पहलू जो अनदेखा नहीं किया जा सकता — ईरान की गुप्त कार्रवाइयां. कई देशों में इजरायली नागरिकों को टारगेट करना, या फिर तीसरे पक्ष के ज़रिए हमले की योजना बनाना — यह सब भी ईरानी जवाबी रणनीति का हिस्सा हो सकता है.

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