इंदौर: मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और प्रमुख शहर इंदौर एक बार फिर स्वच्छता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ है. स्वच्छ भारत सर्वेक्षण 2024-25 में लगातार आठवीं बार इंदौर ने पहला स्थान हासिल किया है. इस गौरवपूर्ण उपलब्धि से शहर के लोग बेहद खुश हैं और इसके लिए उन्होंने इंदौर नगर निगम और सफाई कर्मियों की कड़ी मेहनत को सराहा है. 17 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को यह पुरस्कार प्रदान किया, जहां इंदौर के मेयर ने यह सम्मान प्राप्त किया.
स्वच्छ सर्वेक्षण की नई थीम: 3R
इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण की थीम "3R" रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल रखी गई थी. इसके तहत विभिन्न शहरों में साफ-सफाई के विभिन्न पहलुओं की जांच की गई. इस सर्वेक्षण के लिए 3000 कार्यकर्ताओं की टीम ने 45 दिनों में देशभर के शहरों और वार्डों का मूल्यांकन किया. खास बात यह है कि इस बार शहरों को जनसंख्या के आधार पर पांच श्रेणियों में बांटा गया था.
श्रेणियां और शहरों का विभाजन
सर्वेक्षण में 20,000 से कम जनसंख्या वाले इलाकों को "बहुत छोटे शहर", 20,000 से 50,000 तक के शहरों को "छोटे शहर", 50,000 से 3 लाख तक के शहरों को "मध्यम शहर", 3 लाख से 10 लाख तक के शहरों को "बड़े शहर" और 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों को "शहर" की श्रेणी में रखा गया था.
इंदौर की सफाई व्यवस्था
इंदौर को इस सफलता के पीछे की वजह स्पष्ट है - यहाँ की सफाई व्यवस्था का अनूठा मॉडल. इंदौर नगर निगम ने कूड़े की सही तरीके से वर्गीकरण और उसके निस्तारण के लिए कई योजनाओं को लागू किया है. 85 वार्ड में बंटी इंदौर नगर निगम की सफाई व्यवस्था में प्रत्येक घर से कूड़ा अलग-अलग कैटेगories में एकत्र किया जाता है, जैसे कि गीला, सूखा, घरेलू हानिकारक और बायोमेडिकल कचरा, प्लास्टिक, और ई-वेस्ट.
नई तकनीक और जागरूकता अभियान
इंदौर में कूड़ा उठाने के लिए GPS ट्रैकिंग वाले वाहन लगाए गए हैं, जो हर दिन घरों से कूड़ा उठाते हैं. इसके अलावा, यहाँ एशिया का सबसे बड़ा बायो-सीएनजी प्लांट भी है, जो कूड़े से बायो-सीएनजी और जैविक खाद का उत्पादन करता है. इंदौर में "QuickSaaf" ऐप के माध्यम से नागरिक अपनी जरूरत के अनुसार कूड़ा उठवाने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. इस तरह के तकनीकी उपायों और जागरूकता अभियानों ने इंदौर को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है.
सफाई मित्रों का अहम योगदान
इंदौर के सफाई मित्रों की कड़ी मेहनत भी इस सफलता के पीछे बड़ी वजह है. सफाई मित्रों की तैनाती तीनों शिफ्टों में की जाती है, जिससे पूरे शहर में साफ-सफाई की निरंतर प्रक्रिया बनी रहती है. इसके अलावा, इंदौर नगर निगम ने कई सामाजिक संस्थाओं, NGOs, और स्थानीय स्कूलों के सहयोग से स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है.
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