पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. केंद्र सरकार के एक्शन ने पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ा दी है. बता दें कि हमले के बाद सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया और उन्हें देश छोड़कर जाने का अल्टीमेटम दिया. बता दें कि जो देश छोड़कर नहीं गए हैं या जाने से बच रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.
सरकार ने दी 29 अप्रैल तक की मोहलत
भारत सरकार ने ऐलान किया कि 27 अप्रैल से पाकिस्तानियों को जारी सभी वीजा रद्द माने जाएंगे. सिर्फ मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक की मोहलत दी गई है. यानी पाकिस्तानियों के लिए भारत छोड़ने की आखिरी तारीख अब सिर पर आ चुकी है.
डेडलाइन के बाद क्या होगा?
अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक तय सीमा के बाद भी भारत में पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. गिरफ्तारी के साथ-साथ उस पर मुकदमा चलाया जाएगा. दोषी पाए जाने पर उसे तीन साल तक की जेल, तीन लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा का सामना करना पड़ सकता है. यह कार्रवाई आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम 2025 के तहत की जाएगी, जो देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न होने देने का स्पष्ट संदेश देता है.
गृह मंत्री अमित शाह ने दिए सख्त निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से बात कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि एक भी पाकिस्तानी नागरिक तय सीमा के बाद भारत में न रह पाए. विशेष रूप से SAARC वीजा धारकों को 26 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया था, जबकि मेडिकल वीजा धारकों के लिए 29 अप्रैल की समय सीमा तय की गई है.
अब तक 537 पाकिस्तानी वापस भेजे गए
अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर तैनात प्रोटोकॉल ऑफिसर अरुण माहल ने जानकारी दी कि अब 29 अप्रैल तक सभी वीजाधारी पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ सकते हैं. उन्होंने बताया कि रविवार को ही 237 पाकिस्तानी नागरिक भारत से पाकिस्तान भेजे गए, वहीं 116 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से वापस भारत लौटे. आपको बता दें कि पिछले चार दिनों में भारत से 537 पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान वापस लौटे हैं, जबकि पाकिस्तान से 1387 भारतीय नागरिक भारत पहुंचे हैं.
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