पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े कदमों ने पाकिस्तान को बुरी तरह बौखला दिया है. हालात ये हैं कि जहां पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ धमकी भरे बयान दे रहे थे, वहीं अब सुर बदलते हुए अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए इस भयावह हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी. पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है.
बदल गए पाकिस्तान के सुर
पहले जहां पाकिस्तान खुद को निर्दोष साबित करने की जिद पर अड़ा था, अब उसने रूस, चीन और पश्चिमी देशों से इस हमले की जांच में शामिल होने की अपील शुरू कर दी है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी मीडिया आरआईए नोवोस्ती से बातचीत में कहा, "रूस, चीन या पश्चिमी देश इस संकट में सकारात्मक भूमिका निभाएं. एक अंतरराष्ट्रीय जांच दल बनाया जाए, ताकि सच सामने आ सके कि भारत सच बोल रहा है या झूठ."
इतना ही नहीं, आसिफ ने यह भी जोड़ दिया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुद भी इस अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके साथ उन्होंने एक और भ्रम फैलाने वाली बात कही. उन्होंने कहा कि यह हमला 'फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन' यानी भारत द्वारा खुद रचा गया षड्यंत्र भी हो सकता है.
विरोधाभासी बयान रणनीतिक उलझन
पाकिस्तान के नेताओं के विरोधाभासी बयानों ने उसकी रणनीतिक उलझन को पूरी तरह उजागर कर दिया है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के बयान पाकिस्तान के भीतर फैली घबराहट और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को अलग-थलग पड़ने के डर को दिखाते हैं. अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ का "झूठा झंडा" वाला बयान इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान अभी भी दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. वहीं, वैश्विक विश्लेषकों ने इसे 'बौद्धिक रूप से अपमानजनक' करार दिया है.
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