स्ट्रॉबेरी मून के बारे में सुना है क्या? आज पूर्णिमा की रात आसमान में ऐसा चांद, देखकर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे आप

    Strawberry Moon: स्ट्रॉबेरी मून नाम सुनते ही मन में गुलाबी रंग की चमक उभरती है, लेकिन असल में यह चंद्रमा हल्की गुलाबी या सुनहरी चमक लिए होगा.

    Strawberry Moon Today in sky
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Strawberry Moon: आज का दिन खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है क्योंकि ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर हमें देखने को मिलेगा 'स्ट्रॉबेरी मून' — एक ऐसा दुर्लभ चंद्रमा जिसे अगली बार 2043 में ही देखा जा सकेगा. यह पूर्णिमा सिर्फ चांद का पूर्ण रूप ही नहीं, बल्कि उसकी रंगत और आभा की वजह से भी अनोखा अनुभव कराएगी.

    देखने का सबसे उपयुक्त समय है सूरज के डूबने के तुरंत

    स्ट्रॉबेरी मून नाम सुनते ही मन में गुलाबी रंग की चमक उभरती है, लेकिन असल में यह चंद्रमा हल्की गुलाबी या सुनहरी चमक लिए होगा, जो इसे आम पूर्णिमा से अलग और रहस्यमय बनाता है. ज्योतिष और खगोलशास्त्र में पूर्णिमा को एक पवित्र और ऊर्जा से भरपूर समय माना जाता है, और जब इस पूर्णिमा के साथ ऐसी खास घटना जुड़ जाती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है.

    भारत समेत विश्व के कई हिस्सों में आज सूर्यास्त के बाद आसमान में इस अद्भुत चांद को देखा जा सकेगा. इसे देखने का सबसे उपयुक्त समय है सूरज के डूबने के तुरंत बाद की शाम, जब यह दक्षिण-पूर्वी क्षितिज पर अपनी मधुर आभा बिखेरता नजर आएगा. जहां आसमान साफ होगा और प्रकाश प्रदूषण कम होगा, वहां यह दृश्य और भी मनमोहक रहेगा. दूरबीन या टेलीस्कोप से इसे निहारना इस अनुभव को और भी जीवंत बना सकता है.

    स्ट्रॉबेरी मून का नाम अमेरिकी आदिवासियों की परंपरा से लिया गया है, जो जून में ताजे स्ट्रॉबेरी के मौसम की शुरुआत का संकेत देता है. इसके अलावा, सालभर के अन्य चंद्रमाओं के नाम भी ऐसे ही मौसम और प्राकृतिक घटनाओं से प्रेरित हैं, जैसे कि वुल्फ मून, स्नो मून, पिंक मून, हार्वेस्ट मून आदि.

    स्ट्रॉबेरी पूर्णिमा एक ‘माइक्रो मून’ भी

    इस वर्ष की स्ट्रॉबेरी पूर्णिमा एक ‘माइक्रो मून’ भी है, यानी चंद्रमा पृथ्वी से सामान्य से थोड़ा दूर होगा, इसलिए इसकी चमक और आकार कुछ हद तक कम दिखेंगे. धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह रात खास मानी जाती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत जैसे वट सावित्री व्रत का महत्व है, जो सदियों से हिंदू धर्म में शुभ माना गया है. माना जाता है कि इस रात ध्यान और साधना से मानसिक शांति और नई ऊर्जा मिलती है.

    तो आज की रात, जब आप आसमान की तरफ निहारेंगे, तो याद रखिए कि आप एक ऐसे खगोलीय चमत्कार का साक्षी बन रहे हैं, जो 20 वर्षों बाद ही फिर से दोबारा नजर आएगा. यह स्ट्रॉबेरी मून न केवल एक सुंदर नज़ारा है, बल्कि प्रकृति और आध्यात्म का एक अनमोल तोहफा भी है.

    ये भी पढ़ेंः 13 साल का मासूम बच्चा इजरायल के आयरन डोम तक पहुंचा, ईरान ने नेतन्याहू के घर में ऐसे लगाई सेंध; कुछ बड़ा होगा?