स्टीफन हॉकिंग, जिनका नाम विज्ञान की दुनिया में अत्यधिक सम्मानित और विश्वसनीय रहा है, सिर्फ एक भौतिक विज्ञानी नहीं थे, बल्कि वे आने वाले समय की आशंकाओं को लेकर भी बेहद सजग थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई साहसिक और चिंताजनक भविष्यवाणियाँ कीं, जिनमें से एक चेतावनी आज फिर चर्चा में है एलियन जीवन से संपर्क करना इंसानियत के लिए भारी पड़ सकता है. हाल ही में खगोलविदों और वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने कुछ खगोलीय घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि आने वाले महीनों में पृथ्वी का सामना एक संभावित एलियन ऑब्जेक्ट से हो सकता है, जो विनाशकारी मुठभेड़ में बदल सकता है.
एलियन संपर्क: विज्ञान की प्रगति या विनाश की दस्तक?
स्टीफन हॉकिंग ने 2004 में एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर एलियन सभ्यता तकनीकी रूप से हमसे कहीं आगे है, तो उनके साथ संपर्क विनाशकारी हो सकता है. उन्होंने अतीत के उदाहरण दिए, जैसे कि जब यूरोपियन उपनिवेशवादियों का सामना कम विकसित समाजों से हुआ तो वो समाज पूरी तरह नष्ट हो गए. हॉकिंग ने आगाह किया था कि मानव सभ्यता को ब्रह्मांड में अपनी उपस्थिति को अधिक प्रचारित नहीं करना चाहिए. उन्होंने रेडियो संकेतों को एलियनों तक भेजने या सक्रिय रूप से उनका पता लगाने की प्रवृत्ति को आत्मघाती बताया था.
'इंटेलिजेंस ट्रैप': एक नई वैज्ञानिक अवधारणा
हाल ही में वैज्ञानिकों की एक टीम ने ‘इंटेलिजेंस ट्रैप’ नामक अवधारणा पर एक अध्ययन किया है. इस सिद्धांत के अनुसार, जब कोई सभ्यता अति आत्मविश्वास में आकर अपने संसाधनों और बुद्धिमत्ता का अतिदोहन करती है, तो वह खुद को विनाश की ओर ले जाती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर हम किसी यूएफओ या इंटरस्टेलर वस्तु से संपर्क करने में सफल होते हैं, तो इससे किसी दुष्ट एलियन प्रजाति का ध्यान हमारी ओर आकर्षित हो सकता है, जो हमारी पूरी सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है.
3I/ATLAS: क्या यह एलियन यान है?
इस पूरे मामले की गंभीरता को तब और बल मिला जब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री प्रोफेसर एवी लोएब ने एक रहस्यमय खगोलीय पिंड 3I/ATLAS पर अध्ययन करते हुए दावा किया कि यह सामान्य धूमकेतु नहीं, बल्कि कृत्रिम रूप से निर्मित एलियन यान हो सकता है.
यह ऑब्जेक्ट जून के अंत में हमारे सौर मंडल के निकट देखा गया. इसका मार्ग असामान्य है और यह शुक्र, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों के बहुत पास से गुजरने वाला है. लोएब ने इसे 'इंटेलिजेंस ट्रैप' करार दिया, यानी एक ऐसा जाल जिसमें इंसान खुद को फंसा सकता है. उनका दावा है कि यह ऑब्जेक्ट या तो निरीक्षण के लिए भेजा गया कोई शांतिपूर्ण यान हो सकता है या फिर एक शत्रुतापूर्ण मिशन का हिस्सा, जिसका उद्देश्य हमारी सभ्यता के बारे में जानकारी इकट्ठा करना या उस पर हमला करना हो सकता है.
हॉकिंग की चेतावनी और ‘ग्लीज़ 832सी’
हॉकिंग ने 2016 में कहा था कि 16 प्रकाशवर्ष दूर स्थित ग्रह ग्लीज़ 832सी पर बुद्धिमान जीवन हो सकता है. उन्होंने यह स्वीकार किया था कि ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं, लेकिन साथ ही चेताया भी था कि हमें किसी भी संभावित संकेत या संपर्क का जवाब देने से पहले बहुत सतर्क रहना होगा. उन्होंने इस बात की तुलना क्रिस्टोफर कोलंबस के अमेरिका आगमन से की थी, जहां मूल निवासियों का जीवन पूरी तरह बदल गया और अधिकतर के लिए यह बदलाव विनाशकारी था.
क्या मानवता को अब सावधान हो जाना चाहिए?
एलियन जीवन के साथ संभावित संपर्क को लेकर वैज्ञानिकों की चेतावनियाँ और 3I/ATLAS जैसे रहस्यमयी पिंडों का उभरना यह सवाल खड़ा करता है कि क्या स्टीफन हॉकिंग की वह भयावह भविष्यवाणी अब सच होने के करीब है? अगर ऐसा है, तो हमें विज्ञान की अंधी दौड़ में नहीं, बल्कि विवेक और सतर्कता से आगे बढ़ना होगा. एलियन से संपर्क भले ही वैज्ञानिक रूप से रोमांचक हो, लेकिन अगर उसमें खतरे की बू है, तो हॉकिंग की सलाह आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, “हमें चुप रहना चाहिए और सुनना चाहिए — जवाब देना नहीं.”
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