'धुआं था, लाशें थीं और सिर थे...सब कुछ तबाह हो गया', श्रीनगर में हुए विस्फोट पर चश्मदीदों ने सुनाया आंखों देखा हाल

    श्रीनगर की रात अचानक चीखों, धुएं और दहशत से भर उठी जब नौगाम पुलिस स्टेशन में एक जोरदार धमाका हुआ. शहर ने अभी दिल्ली विस्फोट की चर्चा ही खत्म नहीं की थी कि कश्मीर की इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया.

    Sri Nagar Blast Witness told what they see watch video here
    Image Source: ANI

    श्रीनगर की रात अचानक चीखों, धुएं और दहशत से भर उठी जब नौगाम पुलिस स्टेशन में एक जोरदार धमाका हुआ. शहर ने अभी दिल्ली विस्फोट की चर्चा ही खत्म नहीं की थी कि कश्मीर की इस घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया. शुक्रवार देर रात लगभग 11:22 बजे हुए इस विस्फोट की आवाज़ करीब 5 किलोमीटर दूर तक सुनी गई.

    धमाका इतना भयानक था कि पुलिस स्टेशन का एक हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया. शुरुआती जानकारी में 9 लोगों की मौत और 29 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है. अधिकांश घायल पुलिसकर्मी और फोरेंसिक टीम के सदस्य बताए जा रहे हैं. इलाके को तुरंत घेराबंदी कर सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.

    आधी रात का मंजर: चश्मदीद की आंखों देखा हाल

    धमाके की भयावहता का अंदाज़ चश्मदीद गवाहों की बातों से लगाया जा सकता है. तारिक अहमद नाम के स्थानीय निवासी ने बताया,“रात के 11 बजकर 22 मिनट पर अचानक इतना जोरदार धमाका हुआ कि कुछ पल के लिए लगा मानो धरती हिल गई हो. हमें समझने में ही कई मिनट लग गए कि आखिर हुआ क्या है. जब हम बाहर निकले तो चारों तरफ लोग चीख रहे थे. पुलिस स्टेशन की तरफ देखा तो सब तबाह था—धुआं, टूटे हुए हिस्से, बिखरी हुई लाशें… ऐसा लग रहा था जैसे वहां छोटी कयामत उतर आई हो.” तारिक ने यह भी बताया कि कई स्थानीय लोग और पड़ोसी भी इस हादसे की चपेट में आए हैं और नुकसान बहुत बड़ा है.

    फरीदाबाद से बरामद विस्फोटक बना मौत की वजह

    अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट उस समय हुआ जब जांच टीमें हरियाणा के फरीदाबाद से लाए गए विस्फोटक की सामग्री के नमूने ले रही थीं. यह वही विस्फोटक था जो गिरफ्तार चिकित्सक मुजम्मिल गनई के किराए के मकान से बरामद हुए 360 किलोग्राम सामग्री का हिस्सा था. जांच एजेंसियों के मुताबिक, नमूना लेने की प्रक्रिया के दौरान किसी तकनीकी त्रुटि या संवेदनशील पदार्थ के अस्थिर होने से यह विस्फोट हो सकता है. फिलहाल मृतकों की पहचान की जा रही है और घायलों का इलाज श्रीनगर के अलग-अलग अस्पतालों में जारी है.

    घटनास्थल पर बचाव अभियान जारी

    धमाके के बाद पुलिस स्टेशन के मलबे में फंसे लोगों को निकालना चुनौतीपूर्ण रहा. विस्फोट की तीव्रता का अंदाज़ इस बात से लगाया जा सकता है कि स्टेशन परिसर में कई मीटर दूर तक मलबा फैला मिला. फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और आपदा राहत दलों ने तुरंत मोर्चा संभाला और घायलों को अस्पताल पहुंचाया. अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट की वास्तविक वजह जानने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों और बम निरोधक दस्ते की संयुक्त जांच जारी है. अगर आप चाहें, मैं इस खबर को अधिक भावनात्मक, इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग टोन, या टीवी एंकर स्क्रिप्ट के रूप में भी दोबारा लिख सकता/सकती हूं. 

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