लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की डिजिटल पहचान मजबूत करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, 16 सितंबर 2025 से पूरे प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री को पूरी गति से पूरा करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान का मकसद किसानों की सही और सटीक जानकारी का रजिस्टर तैयार करना है ताकि उन्हें योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके.
जिलाधिकारियों को रोजाना समीक्षा का निर्देश
सरकार ने इस अभियान में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे फार्मर रजिस्ट्री की प्रगति पर प्रतिदिन निगरानी रखें और समीक्षा करें. राजस्व विभाग को भी आदेश दिया गया है कि वह राजस्व अधिकारियों को मानक कार्यप्रणाली (एसओपी) उपलब्ध कराए, ताकि “मालिकों के नाम” को आधार कार्ड के अनुसार सही ढंग से अभिलेखों में दर्ज किया जा सके. इससे किसानों की जानकारी में पारदर्शिता और सटीकता आएगी.
बिजनौर जिला सबसे आगे
प्रदेश में कुल 2.88 करोड़ से अधिक किसानों की रजिस्ट्री का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब तक लगभग 50% यानी 1.45 करोड़ से अधिक किसानों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. इस मामले में बिजनौर जिला सबसे आगे है, जहां 58% से अधिक फार्मर रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है. इसके बाद हरदोई, श्रावस्ती, पीलीभीत और रामपुर जैसे जिले भी शीर्ष पर हैं. जो किसान अभी तक रजिस्ट्री में शामिल नहीं हुए हैं, उनके डेटा की जांच-परख फील्ड ऑफिसर्स द्वारा की जा रही है. अमरोहा, आजमगढ़, बलरामपुर, एटा और जौनपुर जैसे जिलों में यह वेरिफिकेशन 100% पूरा हो चुका है.
पीएम किसान योजना में 100% पंजीकरण का लक्ष्य
फार्मर रजिस्ट्री अभियान के साथ ही योगी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों का 100% पंजीकरण सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. यह पंजीकरण अगली किस्त जारी होने से पहले पूरा होना जरूरी है. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) गतिविधियां चलाने के निर्देश दिए गए हैं. खासकर उन जिलों पर अधिक ध्यान देने को कहा गया है जहां पंजीकरण पिछड़ रहा है, ताकि समय पर सभी किसान योजना का लाभ उठा सकें.
ये भी पढ़ें: UP: फुटवियर-लेदर नीति से निजी औद्योगिक पार्कों को मिलेगा बढ़ावा, 45 करोड़ तक मिलेगी आर्थिक सहायता