नई दिल्ली: एशिया कप 2025 एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के टकराव को लेकर सुर्खियों में है. लेकिन इस बार चर्चा सिर्फ क्रिकेट के मैदान तक सीमित नहीं है. हालिया आतंकवादी घटनाओं के बाद पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने बड़ा बयान दिया है, जो खेल और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन की मांग करता है.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट का समर्थन करता हूं. खेल चलते रहना चाहिए, लेकिन पहलगाम जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. आतंकवाद रुकना चाहिए. भारत हमेशा आतंक के खिलाफ सख्त रहा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि खेल भी रुक जाए."
#WATCH | Kolkata: On India-Pakistan placed in the same group in the Asia Cup, former Indian cricketer Saurav Ganguly says, "I am okay. The sport must go on. At the same time Pahalgam should not happen, but the sport must go on. Terrorism must not happen; it needs to be stopped.… pic.twitter.com/Qrs17KOKrN
— ANI (@ANI) July 27, 2025
गांगुली के इस बयान से साफ है कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और सुरक्षा तनाव को नजरअंदाज नहीं कर रहे, लेकिन साथ ही खेल को उसका उचित स्थान देने की वकालत भी कर रहे हैं.
UAE में भारत-पाकिस्तान फिर आमने-सामने
एशिया कप 2025 की मेज़बानी इस बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) कर रहा है. टूर्नामेंट 9 से 28 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा. भारत और पाकिस्तान को एक बार फिर एक ही ग्रुप में रखा गया है, जिससे दोनों टीमों के बीच संभावित मुकाबलों की संख्या बढ़ गई है. राजनीतिक संबंधों की तल्खी के चलते टूर्नामेंट को न्यूट्रल वेन्यू यानी UAE में करवाना पड़ा है.
भारत सरकार ने साफ किया है कि वर्तमान हालात में राष्ट्रीय टीम को पाकिस्तान भेजना संभव नहीं है. ऐसे में एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) ने टूर्नामेंट के आयोजन के लिए UAE को चुना — जहां पहले भी ऐसे संवेदनशील मुकाबले सफलतापूर्वक आयोजित हो चुके हैं.
दानिश कनेरिया का सवाल और भारत की स्थिति
पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानिश कनेरिया ने भारत के दोहरे रवैये पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा, "जब भारत ने जुलाई में वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया, तो अब एशिया कप में कैसे खेलेगा?" उनका बयान भारत में कई हलकों में आलोचना का कारण बना, क्योंकि WCL एक अनाधिकारिक टूर्नामेंट था, जबकि एशिया कप ICC द्वारा मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है.
भारत के कड़े राजनीतिक रुख और सुरक्षा चिंताओं के बावजूद यह समझा जा रहा है कि भारत एशिया कप में भाग तो लेगा, लेकिन मैदान तटस्थ रहेगा.
T20 फॉर्मेट और वर्ल्ड कप की तैयारी
इस बार एशिया कप टी20 फॉर्मेट में खेला जाएगा. यह 2026 में भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेज़बानी में होने वाले T20 वर्ल्ड कप की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. खिलाड़ियों को उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में खेलने का मौका मिलेगा, जिससे रणनीति और संयोजन को मजबूत किया जा सके.
भारत की बादशाहत बरकरार
अब तक खेले गए 16 एशिया कप टूर्नामेंटों में भारत सबसे सफल टीम रही है. उसने 8 बार खिताब अपने नाम किया है. श्रीलंका ने 6 बार और पाकिस्तान ने केवल दो बार यह टूर्नामेंट जीता है. इस बार भारत फिर से खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, खासकर टी20 फॉर्मेट में उनकी गहराई और अनुभव को देखते हुए.
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
इस एशिया कप से पहले भारत-पाक रिश्तों में तनाव उस समय और बढ़ गया जब अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी. इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य अभियान चलाया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा.
क्रिकेट के पीछे छिपा राजनीतिक यथार्थ
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं है, वह राजनीति, कूटनीति और जनभावनाओं का मिश्रण बन चुका है. जब दोनों टीमें आमने-सामने आती हैं, तो सिर्फ रन और विकेट नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, इतिहास और वर्तमान की नीतियों की भी परीक्षा होती है.
ऐसे माहौल में गांगुली जैसे अनुभवी क्रिकेटर का यह बयान कि "खेल जारी रहना चाहिए, लेकिन आतंक नहीं", बहुत महत्वपूर्ण है. यह न केवल खेल प्रेमियों को उम्मीद देता है, बल्कि राष्ट्रहित और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की जरूरत भी दर्शाता है.
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