देश की रक्षा क्षमताओं को और मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 97 और एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट्स खरीदने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है. इस सौदे की कुल लागत लगभग 62,000 करोड़ रुपये होगी.
इस निर्णय के बाद भारतीय वायुसेना को मिलने वाले हल्के लड़ाकू विमानों की संख्या और मारक क्षमता में जबरदस्त इज़ाफा होगा, जिससे देश की हवाई सीमाएं और ज्यादा सुरक्षित होंगी.
तेजस एमके-1ए: हल्का लेकिन बेहद घातक फाइटर जेट
तेजस एमके-1ए एक सिंगल इंजन, 4.5 जेनरेशन का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जिसे भारत में ही डिजाइन और विकसित किया गया है. इसका डिज़ाइन एडीए (Aeronautical Development Agency) ने तैयार किया है, जबकि निर्माण का ज़िम्मा HAL के पास है. यह विमान पुराने तेजस मार्क-1 का उन्नत संस्करण है और इसे विशेष रूप से मिग-21 जैसे पुराने विमानों की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है.
कितनी है इसकी ताकत?
अधिकतम रफ्तार: 1.8 मैक (लगभग 2200 किमी/घंटा) कॉम्बैट रेंज: 1200 किलोमीटर, लेकिन एयर-टु-एयर रीफ्यूलिंग की सुविधा से बढ़कर 3000 किलोमीटर तक. अधिकतम उड़ान ऊंचाई: 50,000 फीट. हथियार ले जाने की क्षमता: 6,500 किलोग्राम. हथियार विकल्प: एयर-टू-एयर मिसाइलें, रॉकेट्स, ब्रह्मोस-NG (विकासाधीन), एंटी रेडिएशन मिसाइलें, प्रिसिशन गाइडेड बम, लेजर गाइडेड बम, आदि.
मिग-21 को मिल रही विदाई, तेजस लेगा जगह
भारतीय वायुसेना में लंबे समय से सेवा दे रहे मिग-21 फाइटर जेट्स अब इतिहास बनने जा रहे हैं. सितंबर 2025 में अंतिम मिग-21 को रिटायर कर दिया जाएगा, और इसके साथ ही 62 साल पुरानी इस लड़ाकू श्रृंखला का अध्याय समाप्त हो जाएगा. इसके लिए चंडीगढ़ में एक भव्य विदाई समारोह आयोजित होने वाला है.
तेजस की डिलीवरी जल्द शुरू होने की उम्मीद
नासिक स्थित HAL की नई उत्पादन इकाई में तैयार किया गया पहला तेजस एमके-1ए फाइटर जेट अब टेस्ट फ्लाइट के लिए लगभग तैयार है. बेंगलुरु की उत्पादन यूनिट में बना एक और विमान, जो करीब 18 महीने की देरी से तैयार हुआ है, उसे भी सितंबर में वायुसेना को सौंपने की तैयारी है.
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