ISS जाने वाले पहले भारतीय बनेंगे शुभांशु शुक्ला, 8 जून को लॉन्च होगा एक्सिओम मिशन-4

    शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज से प्राप्त की थी.

    Shubhanshu Shukla first Indian to go to ISS Axiom Mission 4
    शुभांशु शुक्ला | Photo: Axiom Space

    नई दिल्लीः भारत की अंतरिक्ष यात्रा को एक नई दिशा मिलने जा रही है. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. वह 8 जून 2025 को अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी एक्सिओम स्पेस के चौथे मिशन, एक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यानी ISS की यात्रा करेंगे. पहले यह मिशन 29 मई को लॉन्च होना था, लेकिन नासा की फ्लाइट शेड्यूल समीक्षा के बाद अब इसे 8 जून को शाम 6:41 बजे (भारतीय समयानुसार) फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा.

    भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री

    इस मिशन की खास बात यह है कि इसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री एक साथ यात्रा करेंगे. शुभांशु शुक्ला भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. उनके साथ पोलैंड से स्लावोज़ उज़्नान्स्की, हंगरी से टिबोर कापू और अमेरिका से अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन शामिल होंगी. यह मिशन न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग का भी प्रतीक है.

    लखनऊ के रहने वाले हैं शुभांशु

    शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज से प्राप्त की थी. इसके बाद वह NDA में चुने गए और वहीं से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की. 17 जून 2006 को उन्हें भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में नियुक्त किया गया. शुभांशु एक अनुभवी पायलट हैं, जिनके पास 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है. वे सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे कई लड़ाकू विमानों को उड़ा चुके हैं.

    यह अंतरिक्ष यात्रा एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में होगी, जिसे फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा. एक्सिओम स्पेस और नासा के सहयोग से यह चौथा मिशन है, जिसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी परीक्षण और भविष्य के कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन की दिशा में काम करना है. शुभांशु और उनके साथी अंतरिक्ष में 14 दिन बिताएंगे, जहां वे माइक्रोग्रैविटी के वातावरण में विभिन्न प्रयोग करेंगे और नई तकनीकों को परखेंगे.

    पृथ्वी की सतह से करीब 400 किलोमीटर ऊपर है ISS

    Ax-4 मिशन प्राइवेट स्पेसफ्लाइट की दुनिया में भारत की भागीदारी को भी दर्शाता है. इससे पहले Ax-1 मिशन अप्रैल 2022 में, Ax-2 मई 2023 में और Ax-3 जनवरी 2024 में भेजे जा चुके हैं. हर मिशन के साथ अंतरिक्ष यात्रा को लेकर प्राइवेट सेक्टर की भूमिका और तकनीकी सफलता बढ़ती जा रही है.

    इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी की सतह से करीब 400 किलोमीटर ऊपर एक विशाल वैज्ञानिक प्रयोगशाला है, जो हर 90 मिनट में पृथ्वी का चक्कर लगाती है. यहां अंतरिक्ष यात्री माइक्रोग्रैविटी में रिसर्च करते हैं. यह प्रोजेक्ट नासा, रूस की रोस्कोसमोस, जापान की जाक्सा, यूरोपीय स्पेस एजेंसी और कनाडा की CSA जैसे पांच देशों की संयुक्त कोशिशों का नतीजा है.

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