यूनुस Go Back और शेख हसीना का कमबैक! ब्लूप्रिंट हो चुका तैयार; लेकिन कैसे होगी वापसी?

    बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनाव से पहले सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. बांग्लादेश के प्रतिष्ठित अख़बार डेली नया दिगांता की एक रिपोर्ट ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है.

    sheikh Hasina Meeting with businessman masood in delhi for comeback in bangladesh
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    बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनाव से पहले सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. बांग्लादेश के प्रतिष्ठित अख़बार डेली नया दिगांता की एक रिपोर्ट ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की आवामी लीग को एक बार फिर सत्ता में लाने के लिए एक रणनीतिक योजना पर काम हो रहा है. इस योजना के केंद्र में माने जा रहे हैं एस आलम ग्रुप के चेयरमैन सैफुल आलम मसूद, जो हाल ही में देश-विदेश के दौरे पर रहे.


    रिपोर्ट के अनुसार, सैफुल आलम मसूद ने पिछले कुछ सप्ताह में सऊदी अरब, दुबई, दिल्ली और मुंबई की यात्राएं कीं. इन दौरों को महज निजी बताने की कोशिश की गई, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि ये यात्राएं पूरी तरह राजनीतिक मंसूबों से जुड़ी हुई थीं. खासकर भारत की राजधानी दिल्ली में मसूद की गतिविधियों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

    सऊदी में नेताओं से 'गुप्त' मीटिंग

    2 अगस्त को मसूद सिंगापुर से सऊदी अरब पहुंचे. हालांकि उन्होंने इस यात्रा को उमराह से जोड़ने की बात कही, लेकिन डेली नया दिगांता की रिपोर्ट के अनुसार, मक्का के क्लॉक टावर होटल में उनकी मुलाकात उन आवामी लीग नेताओं से हुई, जो इस समय देश के बाहर हैं. इस मीटिंग में न केवल राजनीतिक समीकरणों पर बात हुई, बल्कि एक होटल डील से जुड़ा आर्थिक लेन-देन भी चर्चा का विषय रहा.

    दिल्ली में शेख हसीना से हुई गुप्त बातचीत?

    6 अगस्त को मसूद एक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे. उनके साथ उनकी पत्नी, बेटा और इस्लामी बैंक के पूर्व चेयरमैन भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि वे ओबेरॉय होटल में ठहरे और वहीं पर भगोड़े अवामी नेताओं से मुलाकातें हुईं. 8 अगस्त को मसूद लुटियंस जोन में एक विशेष स्थान पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना से गुप्त बैठक के लिए पहुंचे. यह मीटिंग करीब 5.5 घंटे तक चली. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में करीब 4,500 करोड़ टका (लगभग ₹3,240 करोड़) की राजनीतिक फंडिंग पर चर्चा हुई, जिसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय लॉबिंग, चुनावी रणनीति, और राजनीतिक नेटवर्किंग में किया जा सकता है.

    क्या हुई पैसों की डील?

    सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के बाद 10 अगस्त को एक और मुलाकात हुई जिसमें मसूद ने 2,500 करोड़ टका तुरंत उपलब्ध कराए और शेष 2,000 करोड़ टका नवंबर तक देने का वादा किया. इसके बाद मसूद 11 से 15 अगस्त तक मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए रुके और फिर 16 अगस्त को दिल्ली लौटकर शेख हसीना से अंतिम बार मिले. 17 अगस्त को उन्होंने सिंगापुर वापसी की.

    क्या है इस रिपोर्ट का राजनीतिक अर्थ?

    इस पूरे घटनाक्रम को बांग्लादेश की सियासत में एक बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. अगर ये रिपोर्ट सच्चाई पर आधारित है, तो यह साफ है कि शेख हसीना की वापसी की पटकथा पर पर्दे के पीछे से काम शुरू हो चुका है. इस तरह की रणनीतिक गतिविधियां न सिर्फ बांग्लादेश के लोकतंत्र पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भारत की भूमिका को लेकर भी चर्चाएं तेज कर सकती हैं.

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