यादव कथावाचक के मुद्दे पर हाल ही में कुमार विश्वास ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने वाल्मीकि और व्यास जी की जाति पर टिप्पणी की थी और कहा था कि ‘ब्राह्मणों की सारी कर्म-कांड पद्धतियां जिन दो किताबों पर हैं, वो किनकी लिखी हुईं हैं? एक महर्षि वाल्मीकी और दूसरे वेदव्यास. दोनों ब्राह्मण नहीं, दोनों क्षत्रिय नहीं हैं, दोनों वैश्य नहीं हैं. हम सबका काम चल रहा है’. अब इसी पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का पलटवार आ गया है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि कुमार विश्वास को ज्ञान नहीं है.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि कुमार विश्वास आजकल राम कथा कर रहें हैं, लेकिन उन्होंने पढ़ाई नहीं की है. कुमार विश्वास ने गूगल से तथ्यों को पढ़ा है. उनको वाल्मीकि और व्यास जी की जाति का ज्ञान नहीं है. कुमार विश्वास ने शास्त्रों का अध्यन किया ही नहीं है. अगर उन्होंने अध्यन किया होता तो व्यास जी और वाल्मीकि जी के बारे में ऐसा बयान नहीं देते. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ये भी बताया कि कि वाल्मीकि जी भी ब्राह्मण थे और व्यास जी भी ब्राह्मण थे. इसका प्रमाण शास्त्रों में दिया गया है.
क्या था मामला?
इटावा के दादरपुर गांव में 22 जून को ब्राह्मणों ने यादव कथावाचक और उनके साथियों से मारपीट की थी. कानपुर के कथावाचक मुकुट मणि सिंह के मुताबिक, ब्राह्मणों ने पहले उनकी जाति पूछी। जब उन्होंने बताया कि वे यादव बिरादरी से हैं, तो उन पर दलित होने का आरोप लगाते हुए धमकाया. इसके बाद उनकी चोटी काट दी और सिर मुंडवा दिया। एक महिला के पैर पर नाक रगड़वाई गई। उनके साथियों के साथ भी मारपीट की। उनका भी सिर मुंडवा दिया और हारमोनियम तोड़ दिया।
अखिलेश यादव ने लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया था
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना के अगले दिन कथावाचक और उनके साथियों को लखनऊ बुलाया. उन्हें ढोलक और हारमोनियम गिफ्ट किया, कथा भी कहलवाई. 51-51 हजार रुपए देने का ऐलान किया और मौके पर 21-21 हजार रुपए लिफाफे में दिए.
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