राजस्थान में PM मोदी का भाषण सुन घबरा गए शहबाज! बातचीत की लगाने लगे गुहार

    भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए आतंकी ठिकानों पर की गई निर्णायक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान की रणनीति में बड़ा मोड़ देखने को मिला है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की पेशकश की है.

    Shahbaz Sharif proposes talk with PM Modi
    Image Source: Social Media

    भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए आतंकी ठिकानों पर की गई निर्णायक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान की रणनीति में बड़ा मोड़ देखने को मिला है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की पेशकश की है. इस बातचीत के लिए उन्होंने सऊदी अरब को एक निष्पक्ष स्थान के रूप में सुझाया है.

    सऊदी अरब को बनाया बातचीत का प्रस्तावित मंच

    एक पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज शरीफ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तमाम लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए सऊदी अरब एक उपयुक्त और स्वीकार्य स्थान हो सकता है. उन्होंने कहा, हम यह मानते हैं कि अगर कोई बातचीत की संभावनाएं हैं, तो सऊदी अरब जैसे तटस्थ मंच पर हो सकती हैं, जो दोनों देशों के लिए सम्मानजनक है.

    चीन पर जताई आशंका, भारत के रुख को बताया सख्त

    हालांकि उन्होंने चीन को भी एक संभावित विकल्प बताया, लेकिन साथ ही यह स्वीकार किया कि भारत शायद चीन के मंच पर बातचीत को स्वीकार नहीं करेगा. इसलिए पाकिस्तान की प्राथमिकता में सऊदी अरब ही प्रमुख विकल्प के तौर पर सामने आया है.

    भारत की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं

    अब तक भारत सरकार की ओर से शहबाज शरीफ की इस पेशकश पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. भारत का अब तक का स्पष्ट रुख यह रहा है कि भारत और पाकिस्तान के मुद्दे पूरी तरह द्विपक्षीय हैं और इनमें किसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं है.

    मध्यस्थता पर भारत का सख्त रुख

    पिछले कुछ समय से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं, लेकिन भारत ने हर बार ऐसी किसी भी कोशिश को सिरे से खारिज किया है. भारत की नीति रही है कि सीमा पार आतंकवाद खत्म होने के बाद ही किसी भी तरह की वार्ता संभव है.

    सीजफायर भी सीधे संवाद से तय हुआ

    भारत के विदेश सचिव ने हाल ही में एक संसदीय समिति को जानकारी दी थी कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद घोषित सीजफायर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का परिणाम था और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी.

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