इस्लामाबाद: भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की सरकार और सैन्य नेतृत्व ने आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश को संबोधित करते हुए इस हमले की निंदा की और कहा कि पाकिस्तान किसी भी प्रकार की "आक्रामकता" का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है.
सेना पहले से हाई अलर्ट पर थी
शरीफ ने अपने भाषण में भारत पर बिना किसी उकसावे के हमला करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि पाकिस्तान की सेना पहले से हाई अलर्ट पर थी और "त्वरित प्रतिक्रिया" देने में सक्षम रही. हालांकि इस जवाबी कार्रवाई के किसी भी तकनीकी या सैटेलाइट साक्ष्य को सार्वजनिक नहीं किया गया.
उन्होंने कहा, "हम अपने शहीदों के खून की एक-एक बूंद का हिसाब लेंगे. पाकिस्तान की सेनाएं किसी भी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं."
प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि 80 भारतीय विमानों ने हमले में भाग लिया और पाकिस्तानी सेना ने 5 भारतीय लड़ाकू विमान, जिनमें एक राफेल भी शामिल है, को मार गिराया — हालांकि किसी स्वतंत्र स्रोत या वीडियो साक्ष्य से इसकी पुष्टि नहीं हो सकी.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक
इस बयान से पहले पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें सशस्त्र बलों के प्रमुखों, संघीय मंत्रियों और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में भारत की कार्रवाई को "अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन" बताया गया.
दावा: मिसाइल हमलों में नागरिक हताहत
पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता के मुताबिक, भारत की कार्रवाई में 31 लोगों की मृत्यु और 51 से अधिक लोग घायल हुए हैं. यह भी बताया गया कि हमलों का निशाना बनाए गए स्थानों में कुछ नागरिक क्षेत्र भी शामिल थे, हालांकि भारत की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है.
अंतरराष्ट्रीय जांच की पेशकश
प्रधानमंत्री शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने "आक्रामक प्रतिक्रिया" का रास्ता अपनाया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान संयम बरत रहा है, लेकिन संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार "बिना सबूत के दावे" करना उसकी घरेलू राजनीति और सेना के मनोबल को संभालने की एक रणनीति भी हो सकती है. भारत की ओर से फिलहाल जवाबी टिप्पणी में संयम बरता गया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी स्थिति की निगरानी कर रहा है.
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