14 कत्ल, चाव से पीता था इंसानी दिमाग का सूप.. राजा कोलंदर की कहानी जिसने इंसानियत को झकझोरा, 21 साल बाद मिली ये सजा

    लखनऊ की अदालत ने शुक्रवार को राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज कोल को उम्रकैद की सजा सुनाई. दोनों पर ₹2.5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया. बीते सोमवार को अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था. यह मामला किसी आम अपराध से कई गुना ज्यादा खौफनाक और अकल्पनीय है.

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    ये कोई क्राइम थ्रिलर उपन्यास नहीं, न ही किसी वेब सीरीज़ की पटकथा है. ये हकीकत है. भारत के सबसे सनकी और खतरनाक सीरियल किलर राजा कोलंदर की, जिसने अपने भीतर के शैतान को इतना बड़ा बना लिया कि इंसान के दिमाग का सूप बनाकर पीने लगा. अब, 25 साल बाद, कानून ने उसे उसके गुनाहों की सजा दी है. 2022 में नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री Indian Predator: The Butcher of Delhi ने जबरदस्त हलचल मचाई थी. मगर राजा कोलंदर की असली कहानी उस स्क्रीन से कहीं ज्यादा डरावनी है — क्योंकि ये कहानी नहीं, हकीकत है.

    कोर्ट का फैसला

    लखनऊ की अदालत ने शुक्रवार को राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज कोल को उम्रकैद की सजा सुनाई. दोनों पर ₹2.5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया. बीते सोमवार को अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था. यह मामला किसी आम अपराध से कई गुना ज्यादा खौफनाक और अकल्पनीय है.

    कैसे खुला खून की होली का राज?

    साल 2000 एक पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या की खबर ने सबको चौंका दिया. परिवार को शक हुआ, पुलिस ने जांच की और कड़ियां जिला पंचायत सदस्य फूलन देवी के घर तक जा पहुंचीं. वहां से धीरेंद्र का सामान मिला और उसके पति राजा कोलंदर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. लेकिन जब पुलिस ने राजा के फार्महाउस की तलाशी ली. पुलिस जांच में जो सामने आया, उसने सबके रोंगटे खड़े कर दिए. वहां 14 इंसानों की खोपड़ियां मिलीं, जिनमें से कुछ को पेड़ों पर टांगा गया था.

    मर्डर प्लान: फार्महाउस से तालाब तक

    पत्रकार धीरेंद्र को पहले फार्महाउस बुलाया गया. वहां बच्छराज कोल ने उसे गोली मारी. फिर शव को टाटा सूमो में मध्य प्रदेश ले जाया गया. खेत में टुकड़े किए, सिर को बाणसागर तालाब में फेंका गया. बाइक समधी को दे दी गई, जूते साले को. ये एक ऐसा ‘मर्डर प्लान’ था जिसे सिर्फ कोई विक्षिप्त दिमाग ही रच सकता है.

    दिमाग का सूप और मौत की अदालत

    राजा कोलंदर अपने दुश्मनों को मारने के बाद उनके दिमाग को उबालकर उसका सूप पीता था. उसका मानना था कि इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है. लाश के बाकी हिस्से सुअरों को खिलाए जाते, या जंगलों में फेंक दिए जाते. खोपड़ियों को वह रंगता, जाति के अनुसार नाम लिखता और फिर उन्हें ‘अदालत’ में सजाए मौत सुनाता. उसके पास एक डायरी भी मिली जिसे वह “अदालती डायरी” कहता था. उसमें वे सभी नाम थे जिन्हें वह मार चुका था या मारना चाहता था.

    पहले लुटेरा, फिर बना सीरियल किलर

    राजा कोलंदर का क्रिमिनल रिकॉर्ड पहले सिर्फ लूटपाट तक सीमित था. लेकिन 1998 में पहली हत्या के बाद, उसने एक के बाद एक 14 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. वह खुद को ‘शक्तिशाली नेता’ मानता था और ये कत्ल उसकी बीमार मानसिकता का हिस्सा थे. 

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