नई दिल्ली: भारत द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने एक बार फिर दुनिया को यह दिखा दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी सीमा तक जाकर निर्णायक कार्रवाई करने को तैयार है. यह ऑपरेशन 6 और 7 मई की मध्यरात्रि को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में चल रहे आतंकी नेटवर्क पर केंद्रित था. भारत की वायुसेना ने इस सुनियोजित अभियान में 9 आतंकी लॉन्च पैड्स को ध्वस्त किया, जिससे अनुमानित 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.
लेकिन यह केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं था—यह एक रणनीतिक संदेश था, जिसमें भारत ने साफ कर दिया कि अब आतंकी ढांचे को सिर्फ सीमाओं पर नहीं रोका जाएगा, बल्कि जहाँ भी आतंकी गतिविधियाँ संचालित होंगी, वहाँ उन्हें जड़ से खत्म किया जाएगा.
प्रमुख आतंकी चेहरे जो बने निशाना
इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों की सूची दर्शाती है कि यह केवल ज़मीनी लड़ाई नहीं थी, बल्कि भारत की खुफिया एजेंसियों और सैन्य नेतृत्व द्वारा की गई महीनों की निगरानी, विश्लेषण और रणनीतिक आकलन का परिणाम थी.
1. अबु जिंदाल (लश्कर-ए-तैयबा)
अबु जिंदाल, जिसे मुदस्सर खदियान के नाम से भी जाना जाता है, लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर और मुरिदके स्थित लश्कर के मुख्यालय मरकज तैयबा का प्रभारी था. यह वही संगठन है जिसने 26/11 मुंबई हमलों को अंजाम दिया था. जिंदाल की मौत के बाद पाकिस्तान में जिस प्रकार से राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार हुआ, वह इस बात का गवाह है कि पाकिस्तान का सरकारी तंत्र इन आतंकी सरगनाओं को किस तरह से शह देता है.
2. मोहम्मद जमील (जैश-ए-मोहम्मद)
हाफिज मोहम्मद जमील, जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर का बहनोई था. बहावलपुर स्थित कट्टरपंथी मदरसे ‘सुब्हान अल्लाह’ का प्रमुख होने के साथ-साथ वह युवाओं को आतंक की राह पर लाने, ब्रेनवॉश करने और विदेशी फंडिंग जुटाने में अहम भूमिका निभा रहा था. उसका मारा जाना जैश के नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
3. मोहम्मद यूसुफ अजहर (उर्फ उस्ताद जी)
मोहम्मद यूसुफ अजहर, मसूद अजहर का दूसरा साला और जैश का ट्रेनिंग कमांडर, जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में संलिप्त था. IC-814 विमान अपहरण में उसका नाम प्रमुख आरोपियों में शामिल था. उसकी मौत आतंकवादी ट्रेनिंग नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में बड़ा कदम है.
4. अबु आकाशा (लश्कर-ए-तैयबा)
खालिद उर्फ अबु आकाशा न केवल जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में शामिल रहा, बल्कि वह अफगानिस्तान और मध्य एशिया से हथियारों की तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का संचालन करता था. उसकी मौत लश्कर के हथियार आपूर्ति तंत्र के लिए एक बड़ा झटका है.
5. मोहम्मद हसन खान (जैश-ए-मोहम्मद)
हसन खान, जैश का पीओके स्थित ऑपरेशनल कमांडर, जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के समन्वय और योजना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था. वह मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का पुत्र था, जो जैश के वैचारिक नेताओं में गिना जाता है.
पाकिस्तान की भूमिका पर उठते सवाल
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामने आईं घटनाओं ने एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका को कठघरे में खड़ा कर दिया है. जिन आतंकियों को भारत में निर्दोष नागरिकों की हत्या का दोषी माना जाता है, उन्हें पाकिस्तान में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देना, पाकिस्तानी सेना और सरकार की मंशा को उजागर करता है.
इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान न केवल इन संगठनों को राजनीतिक और वित्तीय संरक्षण प्रदान करता है, बल्कि राजनीतिक संरचना के भीतर इनकी वैचारिक स्वीकृति भी मौजूद है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चेतावनी
भारत की कार्रवाई के बाद अब संयुक्त राष्ट्र, FATF (Financial Action Task Force) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि पाकिस्तान की धरती पर पनप रहे आतंकवाद को अगर समय रहते नहीं रोका गया, तो यह केवल दक्षिण एशिया के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.
आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस'
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक जवाबी कार्रवाई नहीं थी, यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे स्पष्ट और सटीक नीति का परिचायक है. प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय की ओर से इस ऑपरेशन को हरी झंडी दिए जाने के बाद जिस प्रकार से भारतीय वायुसेना ने सटीकता से लक्ष्यों को ध्वस्त किया, वह भारत की सैन्य शक्ति और खुफिया क्षमता दोनों को प्रदर्शित करता है.
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