यूपी में अब नहीं कर पाएंगे चोरी-छिपे शादी, पंडित बताएगा तभी होगा रजिस्ट्रेशन, इलाहाबाद HC के फैसले ने बदल दिए नियम

    UP Marriage Registration Rules: उत्तर प्रदेश में अब गुपचुप शादी करना आसान नहीं रहेगा. बिना परिवार की सहमति और पर्याप्त प्रमाणों के विवाह का पंजीकरण कराना अब कानूनी रूप से संभव नहीं होगा.

    Secret marriage is not possible in up Allahabad High Court marriage Registration Rules
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    UP Marriage Registration Rules: उत्तर प्रदेश में अब गुपचुप शादी करना आसान नहीं रहेगा. बिना परिवार की सहमति और पर्याप्त प्रमाणों के विवाह का पंजीकरण कराना अब कानूनी रूप से संभव नहीं होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो 7 जून 2025 से पूरे प्रदेश में लागू कर दिए गए हैं.

    गुपचुप शादी पर लगेगी लगाम

    पिछले कुछ वर्षों में जबरन विवाह, बाल विवाह और फर्जी शादी जैसे मामलों की संख्या में इज़ाफा हुआ था. अधिकतर शिकायतें उन शादियों को लेकर थीं जो गुपचुप तरीके से बिना परिवार की जानकारी के की गईं और फिर रजिस्ट्रेशन के ज़रिए वैधता प्राप्त कर ली गई. इन मामलों को देखते हुए सरकार ने अब विवाह पंजीकरण के नियमों में सख्ती कर दी है.

    अब सिर्फ फोटो या कार्ड नहीं, चाहिए ठोस गवाह

    अब से विवाह के प्रमाण के तौर पर केवल शादी की तस्वीरें या निमंत्रण पत्र मान्य नहीं होंगे. विवाह संपन्न कराने वाले पंडित या पुरोहित की मौखिक गवाही और शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है. पंडित को पंजीकरण के समय खुद मौजूद रहना होगा और अपने पहचान से जुड़े दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर प्रस्तुत करना होगा.

    पंजीकरण प्रक्रिया होगी पारदर्शी

    राज्य के प्रत्येक विवाह पंजीकरण कार्यालय में अब एक विशेष पंजिका रखी जाएगी जिसमें हर पंजीकृत विवाह का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा. यह रिकॉर्ड हर महीने अपडेट किया जाएगा और संबंधित सहायक महानिरीक्षक द्वारा सत्यापित किया जाएगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी फर्जी या अवैध विवाह रिकॉर्ड में दर्ज न हो.

    फर्जीवाड़ों पर लगेगी लगाम

    एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार के अनुसार, इन नए नियमों का उद्देश्य विवाह पंजीकरण को अधिक पारदर्शी और प्रमाणिक बनाना है. इससे बाल विवाह, धोखाधड़ी से की गई शादी और जबरन विवाह जैसे गंभीर सामाजिक अपराधों पर प्रभावी रोक लग सकेगी.

    परिवार की सहमति बनी अहम कड़ी

    नए दिशा-निर्देशों में यह साफ किया गया है कि विवाह के लिए परिवार की जानकारी और सहमति को प्राथमिकता दी जाएगी. इस बदलाव को समाज के हित में एक सकारात्मक और आवश्यक कदम माना जा रहा है. आने वाले समय में इससे शादी से जुड़े विवाद और सामाजिक तनावों में भी कमी आने की उम्मीद है.

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