इजरायल द्वारा वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने की संभावित योजना को लेकर खाड़ी देशों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा है. सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ किया है कि अगर इजरायल ने इस दिशा में कोई कदम उठाया, तो यह अब्राहम समझौते के लिए खतरे की घंटी होगा.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने शनिवार को रियाद में यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान के साथ हुई बैठक में इस मसले पर गहरी चिंता जताई. क्राउन प्रिंस ने कहा कि अगर इजरायल वेस्ट बैंक पर कब्जे की दिशा में आगे बढ़ता है, तो दोनों देशों के बीच सामान्यीकरण की बातचीत की संभावना पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.
यूएई भी दे चुका है कड़ा संदेश
इससे पहले यूएई के राष्ट्रपति ने भी एक सख्त बयान जारी कर इजरायल को आगाह किया था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "विलय एक रेड लाइन है. इजरायल को चाहिए कि वह शांति के मार्ग— द्वि-राज्य समाधान— की ओर लौटे." यूएई ने स्पष्ट कहा कि अगर वेस्ट बैंक पर कब्जा हुआ, तो अब्राहम समझौते से हटने का विकल्प खुला रहेगा.
गौरतलब है कि यूएई और बहरीन ने सितंबर 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता में हुए अब्राहम समझौते के तहत इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य किया था. इस ऐतिहासिक पहल के बाद कई मुस्लिम देशों ने इजरायल के साथ संबंधों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए थे. लेकिन अब इजरायल की हालिया नीतियों से इन रिश्तों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.
सऊदी शाही सूत्रों की प्रतिक्रिया
KAN न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी शाही दरबार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वेस्ट बैंक के इलाकों का विलय न केवल शांति प्रक्रिया को बाधित करेगा, बल्कि इससे इजरायल और सऊदी अरब के बीच संभावित समझौते की बातचीत भी रुक जाएगी. अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि इजरायल इस तरह के कदम उठाकर ईरान और हमास जैसे तत्वों के हाथों में खेलने जैसा काम कर रहा है, जिनका मकसद अरब देशों और इजरायल के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाना है.
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