सऊदी अरब सरकार ने हज 2025 से पहले पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेताया है कि इस पवित्र यात्रा के नियमों का उल्लंघन करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से हज उड़ानों की शुरुआत कर दी है और इस्लामाबाद से पहले जत्थे के रूप में 442 तीर्थयात्री मदीना रवाना हुए हैं.
बिना परमिट हज पर जाने वालों को नहीं मिलेगी रियायत
सऊदी गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि 29 अप्रैल से 10 जून तक, हज परमिट के बिना मक्का में प्रवेश करने या हज करने की कोशिश करने पर 20,000 सऊदी रियाल (लगभग ₹4.5 लाख) तक का जुर्माना लगाया जाएगा. यह नियम सभी वीजाधारकों पर समान रूप से लागू होगा—चाहे वे किसी भी मकसद से सऊदी अरब में हों.
इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति हज परमिट के बिना यात्रा वीज़ा लेकर हज करने की कोशिश करता है या ऐसे लोगों की मदद करता है, तो उस पर 1 लाख रियाल (लगभग ₹22.5 लाख) तक का जुर्माना ठोका जाएगा. अगर इस तरह की सहायता एक से अधिक व्यक्तियों को दी जाती है, तो जुर्माना कई गुना तक बढ़ सकता है.
सहायता देने वालों पर भी गिरेगी गाज
सऊदी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बिना परमिट वाले हज यात्रियों को आश्रय, परिवहन या अन्य कोई सुविधा देने वाले स्थानीय या विदेशी नागरिकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. चाहे वह कोई होटल हो, निजी आवास, या अस्थायी हज शिविर—ऐसा करने वालों को न केवल भारी जुर्माना भरना होगा, बल्कि उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर सऊदी अरब से निर्वासित कर दिया जाएगा और कम से कम 10 वर्षों के लिए देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
भिखारियों और अवैध यात्रियों को लेकर चिंता
सऊदी सरकार की यह सख्ती हाल के वर्षों में बढ़ती अवैध हज यात्राओं और भिखारियों की समस्या को देखते हुए आई है. पिछले तीन वर्षों में करीब 4,700 पाकिस्तानी भिखारियों को निर्वासित किया जा चुका है. सऊदी अरब ने पाकिस्तान सरकार से ऐसे व्यक्तियों के नाम और पासपोर्ट को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने का अनुरोध किया है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और कहा कि ऐसे लोग विदेशों में देश की छवि खराब कर रहे हैं. इस वर्ष कुल 89,000 पाकिस्तानी तीर्थयात्री सरकारी योजना के तहत हज पर जाएंगे, जबकि 23,620 लोग निजी टूर ऑपरेटरों के माध्यम से रवाना होंगे. इनमें से 50,500 यात्रियों को ‘मक्का रूट पहल’ का लाभ मिलेगा, जिसमें इस्लामाबाद से 28,000 और कराची से 22,500 लोग यात्रा करेंगे.
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