साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप का रिश्ता खत्म, शादी के 7 सालों बाद जाकर लिया ये फैसला

    Saina Nehwal Divorce: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने रविवार को अपने लंबे समय के साथी पारुपल्ली कश्यप से अलग होने का ऐलान किया. उन्होंने इंस्टाग्राम के जरिए इस बात की जानकारी दी और कहा कि दोनों ने अलग-अलग रास्तों पर जाने का निर्णय लिया है.

    Saina Nehwal and parupalli kashyap Divorce after 7 year
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    Saina Nehwal Divorce: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने रविवार को अपने लंबे समय के साथी पारुपल्ली कश्यप से अलग होने का ऐलान किया. उन्होंने इंस्टाग्राम के जरिए इस बात की जानकारी दी और कहा कि दोनों ने अलग-अलग रास्तों पर जाने का निर्णय लिया है. यह दोनों के प्रशंसकों और बैडमिंटन समुदाय के लिए एक बड़ी खबर है, क्योंकि उन्होंने साथ मिलकर इस खेल में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की थीं.

    साइना और कश्यप की शादी: एक लंबी यात्रा

    साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप की मुलाकात 1997 में हुई थी, जब दोनों एक बैडमिंटन कैम्प में शामिल हुए थे. इसके बाद, दोनों ने हैदराबाद स्थित पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी में एक साथ ट्रेनिंग शुरू की और यहीं से उनकी दोस्ती का आरंभ हुआ. समय के साथ दोनों के बीच गहरी नजदीकियां बढ़ीं, लेकिन उनके रिलेशनशिप की खबरें हमेशा निजी रहीं. 2018 में दोनों ने शादी कर ली थी और अपने रिश्ते को सार्वजनिक किया था.

    साइना का बैडमिंटन में योगदान

    साइना नेहवाल ने भारतीय बैडमिंटन को वैश्विक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 2008 के बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने विमेन सिंगल्स में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर भारत में बैडमिंटन को नया जीवन दिया. फिर, 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद वह ओलंपिक पोडियम पर पहुंचने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं. साइना ने भारतीय बैडमिंटन को न केवल नया मानक दिया, बल्कि अपने प्रदर्शन से युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया.

    कश्यप का योगदान और उपलब्धियां

    पारुपल्ली कश्यप ने भी भारतीय बैडमिंटन के लिए कई ऐतिहासिक क्षणों को दर्ज किया. 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर वह बैडमिंटन में सुर्खियों में आए थे. 2012 के लंदन ओलंपिक में उन्होंने क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर भारत के पहले पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी होने का गौरव हासिल किया. 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने भारतीय बैडमिंटन को एक नई ऊंचाई दी.

    साइना और कश्यप का व्यक्तिगत जीवन

    साइना और कश्यप का व्यक्तिगत जीवन हमेशा ही चर्चा में रहा है. दोनों ने एक साथ एक लम्बी यात्रा तय की थी, जिसमें प्रेम, संघर्ष और सफलता का मिलाजुला अनुभव था. साइना ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर अपने रिश्ते के खत्म होने के बाद लिखा, "जिंदगी कभी-कभी हमें अलग-अलग दिशाओं में ले जाती है. बहुत सोच-विचार के बाद, कश्यप और मैंने अलग होने का फैसला किया है. हम अपने और एक-दूसरे के लिए शांति, तरक्की और राहत चुन रहे हैं." यह एक भावुक और समझदारी से भरा कदम था, जिसमें दोनों ने अपने निजी जीवन का सम्मान करने की अपील की है.

    मूल्यांकन और भविष्य की दिशा

    साइना और कश्यप दोनों ही बैडमिंटन के बड़े नाम हैं, और उनके व्यक्तिगत जीवन में बदलाव के बावजूद उनके खेल करियर और योगदान पर सवाल नहीं उठते. दोनों ने भारत में बैडमिंटन को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित किया और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने. अब, जबकि दोनों ने अलग होने का निर्णय लिया है, वे अपने-अपने रास्तों पर आगे बढ़ेंगे, लेकिन भारतीय बैडमिंटन में उनकी यादें और योगदान हमेशा जीवित रहेंगे. साइना और कश्यप का यह कदम उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत है. उनके फैसले का सम्मान करते हुए, उनके प्रशंसक और बैडमिंटन समुदाय उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देंगे.

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