जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की तीव्र कूटनीतिक सक्रियता ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर तेज़ी से काम कर रहा है. जहां एक ओर भारत रणनीतिक प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है, वहीं पाकिस्तान के भीतर घबराहट साफ दिखाई दे रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उप प्रधानमंत्री इशाक डार लगातार बयानबाज़ी कर रहे हैं, जबकि भारत संयम के साथ वैश्विक समर्थन जुटाने में जुटा है.
UNSC के अस्थायी सदस्यों से संपर्क
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार और बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सात अस्थायी सदस्य देशों—डेनमार्क, अल्जीरिया, ग्रीस, गुयाना, पनामा, स्लोवेनिया, सिएरा लियोन और सोमालिया—के अपने समकक्षों से बातचीत की. जयशंकर ने इन मुलाकातों में पहलगाम आतंकी हमले के संभावित सीमा पार संबंधों की जानकारी दी और भारत के दृढ़ संकल्प से अवगत कराया कि हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन के साथ बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा, “मैं उनके समर्थन और एकजुटता की सराहना करता हूं.”
पहले कूटनीति, फिर कदम
भारत की प्रतिक्रिया केवल सैन्य नहीं, बल्कि बहुपक्षीय कूटनीति पर आधारित है. एयरस्पेस प्रतिबंध, सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार, और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के प्रयास इस नीति का हिस्सा हैं. भारत इस समय अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समर्थन सुनिश्चित कर रहा है ताकि किसी भी संभावित जवाबी कदम को वैश्विक वैधता और नैतिक समर्थन प्राप्त हो.
असहजता और आरोपों की बौछार
पाकिस्तान की ओर से इस बीच बयानों का सिलसिला जारी है. उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में कहा कि पाकिस्तान पहले हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर भारत कोई कार्रवाई करता है, तो “जवाब दिया जाएगा.” उन्होंने पहलगाम हमले को “नाटक” बताया और चीन, तुर्की, सऊदी अरब जैसे देशों को समर्थन का दावा करते हुए भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश की. हालांकि, ज़मीनी हकीकत यह है कि अधिकांश वैश्विक शक्तियों—जैसे अमेरिका, फ्रांस, इज़राइल, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूएई—ने भारत के प्रति समर्थन और आतंकवाद की निंदा में स्पष्ट रुख अपनाया है.
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा बताया. UNSC का यह बयान भारत की कूटनीतिक सफलता के संकेत देता है.
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