मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में तकनीकी टकराव ने एक नया मोड़ ले लिया है. रूस ने पहली बार दावा किया है कि उसकी आधुनिकतम वायु रक्षा प्रणाली S-400 ट्रायम्फ ने एक यूक्रेनी F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया है. इस घटना को न केवल सैन्य दृष्टिकोण से बल्कि राजनीतिक और सामरिक स्तर पर भी बेहद अहम माना जा रहा है.
S-400 की पहली बड़ी कामयाबी?
रूसी मीडिया और सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह पहला मौका है जब रूस की लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली S-400 ने अमेरिकी निर्माण वाले F-16 को मार गिराने में सफलता हासिल की है. इस ‘शिकारी काम’ के बाद रूस में S-400 सिस्टम ऑपरेट करने वाली यूनिट को जबरदस्त इनाम दिया गया है. माना जा रहा है कि यह घटना अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए सिरदर्द बन सकती है, क्योंकि F-16 आज भी दर्जनों देशों की वायुसेनाओं की रीढ़ हैं.
S-400 क्रू पर इनामों की बारिश
रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक, रूस की फॉरेस कंपनी (Proppants निर्माता) ने इस सफलता पर S-400 सिस्टम के 12 क्रू सदस्यों को लगभग 15 मिलियन रूबल (करीब $1.95 लाख) का नकद इनाम दिया है.
यह पुरस्कार सीमा क्षेत्र में आयोजित एक समारोह में दिया गया, जहां रूसी कमांडिंग अफसर भी मौजूद थे. यह प्रतीक बन गया है कि रूस इस ऑपरेशन को कितना महत्वपूर्ण मान रहा है.
Su-35 की भूमिका पर संदेह
इससे पहले अटकलें थीं कि रूस का Su-35S फाइटर जेट भी इस कार्रवाई में शामिल था, संभवतः लक्ष्य की पहचान या ट्रैकिंग में मदद करने के लिए. लेकिन इनाम सिर्फ S-400 ऑपरेटर्स को मिलने से यह स्पष्ट हुआ कि इस बार पूरा श्रेय S-400 सिस्टम की क्षमता को ही दिया गया है.
यह संदेश रूस ने दुनिया को देना चाहा है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली अब सिर्फ "डिफेंस" तक सीमित नहीं, बल्कि "एक्टिव हंटिंग" में भी सक्षम है.
यूक्रेन की पुष्टि और अमेरिका की चिंता
यूक्रेन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि 16 मई को एक F-16 से संपर्क टूट गया था. यह विमान एक "निर्दिष्ट मिशन" पर था और तकनीकी आपात स्थिति के कारण पायलट को इजेक्ट करना पड़ा.
यूक्रेनी वायुसेना ने यह नहीं माना कि विमान को मार गिराया गया, लेकिन अब रूस के दावे और S-400 ऑपरेटर्स को दिए गए इनामों ने इस घटना को वैश्विक चर्चा का विषय बना दिया है.
अमेरिका, जो न केवल F-16 का निर्माता है बल्कि इसके सबसे बड़े ऑपरेटर भी हैं, अब इस घटना को लेकर गंभीर सामरिक समीक्षा में जुट गया है. यह घटना आने वाले समय में F-16 की ग्लोबल छवि और रणनीतिक तैनाती पर असर डाल सकती है, खासतौर पर उन देशों में जो इसे रूस या चीन की मिसाइल चुनौतियों के खिलाफ इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं.
नया सैन्य अध्याय शुरू?
इस घटना ने रूस-यूक्रेन युद्ध में एक नई तकनीकी होड़ को जन्म दे दिया है. एक ओर S-400 की क्षमता को लेकर रूस का आत्मविश्वास बढ़ा है, वहीं अमेरिका और NATO सहयोगियों को F-16 की सुरक्षा पर दोबारा विचार करना होगा.
यह केवल एक विमान का गिराया जाना नहीं है—यह उस प्रतिष्ठा की टक्कर है जो आधुनिक युद्ध प्रणालियों को परिभाषित करती है.
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