रूस का परमाणु क्रूजर...सबसे बड़े जंगी जहाज का सालों बाद किया टेस्ट; कितनी ताकत जानें

    रूस की नौसेना ने एक बार फिर अपनी ताकत का बड़ा प्रदर्शन किया है. 28 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद, रूस ने अपने सबसे भारी और घातक युद्धपोत ‘एडमिरल नखिमोव’ को समुद्र में परीक्षण के लिए उतारा है.

    Russia test kirov class cruiser at whitr see know its power
    Image Source: Social Media

    रूस की नौसेना ने एक बार फिर अपनी ताकत का बड़ा प्रदर्शन किया है. 28 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद, रूस ने अपने सबसे भारी और घातक युद्धपोत ‘एडमिरल नखिमोव’ को समुद्र में परीक्षण के लिए उतारा है. यह क्रूजर रूस की किरोव श्रेणी का हिस्सा है, जिसे दुनिया के सबसे भारी सतही लड़ाकू जहाजों में गिना जाता है. यह जंगी जहाज अब पहले से भी ज्यादा घातक बनकर लौटा है, खासतौर पर इसके भीतर जोड़ी गई आधुनिक S-400 एयर डिफेंस प्रणाली के कारण.

    एडमिरल नखिमोव की खासियतें क्या हैं?

    • वजन: लगभग 28,000 टन का यह युद्धपोत अब तक का सबसे बड़ा परमाणु-संचालित क्रूजर है.
    • हथियार प्रणाली: जहाज में 80 क्रूज मिसाइलें तैनात की गई हैं, जिनमें रूस की खतरनाक 3M14T कलिब्र और नई पीढ़ी की हाइपरसोनिक जिरकोन मिसाइलें शामिल हैं.
    • S-400 तैनाती: यह क्रूजर S-400 वायु रक्षा प्रणाली से लैस पहला युद्धपोत बन गया है. इसमें कुल 96 लॉन्चर लगाए गए हैं, जो जमीन पर मौजूद S-400 की तीन बटालियनों के बराबर हैं.

    S-400 ने बनाया इस जहाज को सबसे अलग

    जहां अब तक S-400 सिस्टम का उपयोग केवल जमीन पर देखा गया था, वहीं अब रूस ने इसे समुद्री युद्धपोत पर तैनात कर एक नया मील का पत्थर स्थापित कर दिया है. यह सिस्टम दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को 400 किलोमीटर तक के दायरे में ढेर कर सकता है. 40N6 मिसाइल जैसे एडवांस्ड हथियारों से लैस है, जो हाइपरसोनिक लक्ष्यों को भी मैक 14 की रफ्तार से भेद सकती है. कम ऊंचाई पर उड़ने वाले स्टील्थ विमानों को भी खत्म करने की क्षमता रखता है.

    रूस की रणनीतिक बढ़त का प्रतीक

    मिलिट्री वॉच मैगजीन के अनुसार, एडमिरल नखिमोव अब ऐसा जहाज बन चुका है जिसकी वायु रक्षा क्षमताएं कई देशों की पूरी वायु सेना के बराबर हैं. इसकी तकनीकी क्षमता और हथियार प्रणाली रूस की रक्षा रणनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकती है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक सामरिक संतुलन लगातार बदल रहा है.

    भविष्य की योजना: S-500 और S-550 का इंटीग्रेशन

    रूसी अधिकारियों का मानना है कि एडमिरल नखिमोव को भविष्य में S-500 और S-550 जैसे अति-आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम से भी लैस किया जा सकता है. यह उसे बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस और अंतरिक्ष आधारित खतरों से निपटने में और भी सक्षम बनाएगा.

    यह भी पढ़ें: युद्ध खत्म... फिर भी क्यों हवाई मार्ग को बंद रख रहा पाकिस्तान? क्या है इसके पीछे की बड़ी प्लानिंग