गोला बारूद से नहीं Whatsapp से डर गए पुतिन! ऐप पर लगा दिया बैन; इस ऐप पर स्विच करने का जारी किया फरमान

    जैसे-जैसे वैश्विक संघर्ष तकनीक के इर्द-गिर्द घूमने लगे हैं, देशों ने केवल हथियारों में ही नहीं, बल्कि साइबर और सूचना क्षेत्र में भी अपनी रणनीति मजबूत करनी शुरू कर दी है. अब लड़ाई सिर्फ ज़मीन पर नहीं, बल्कि फोन की स्क्रीन और इंटरनेट पर भी लड़ी जा रही है.

    Russia ban on whatsapp order to switch on max platform
    Image Source: Social Media

    जैसे-जैसे वैश्विक संघर्ष तकनीक के इर्द-गिर्द घूमने लगे हैं, देशों ने केवल हथियारों में ही नहीं, बल्कि साइबर और सूचना क्षेत्र में भी अपनी रणनीति मजबूत करनी शुरू कर दी है. अब लड़ाई सिर्फ ज़मीन पर नहीं, बल्कि फोन की स्क्रीन और इंटरनेट पर भी लड़ी जा रही है. इसी कड़ी में रूस ने एक बड़ा कदम उठाते हुए विदेशी मैसेजिंग ऐप्स पर लगाम कस दी है.

    रूस सरकार ने अपने सभी अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे 1 सितंबर से पहले देश में विकसित ‘मैक्स’ नामक मैसेजिंग ऐप पर शिफ्ट हो जाएं. यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब रूस विदेशी तकनीकी प्लेटफॉर्म्स पर अपनी निर्भरता खत्म करना चाहता है. पहले ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर रूस में बैन लग चुका है, और अब खबर है कि अगस्त के पहले हफ्ते में व्हाट्सऐप पर भी प्रतिबंध लागू किया जा सकता है.

    VK कंपनी बना रही है 'मैक्स'

    'मैक्स' ऐप को तैयार किया है रूस की एक बड़ी टेक कंपनी VK ने. यह वही कंपनी है जो VK वीडियो जैसे प्लेटफॉर्म की मालिक है और जिसका संबंध टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव से भी रहा है. यह ऐप पूरी तरह से रूस के सर्वरों पर आधारित होगा और सरकार की सीधी निगरानी में चलेगा. यही नहीं, जिन देशों ने रूस पर पाबंदियां लगाई हैं, उनके ऐप्स पर भी बैन लगाने का प्रावधान इस नीति में जोड़ा गया है.

    पुतिन सरकार का डर: डेटा लीक और विदेशी प्रभाव

    रूस की सरकार को लंबे समय से यह चिंता रही है कि विदेशी ऐप्स, खासतौर पर अमेरिकी कंपनियों द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म्स, उनके लिए सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकते हैं. मेटा (जो फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की मालिक है) को रूस ने पहले ही एक 'चरमपंथी संगठन' घोषित कर दिया है. रूस का मानना है कि इन ऐप्स के ज़रिए संवेदनशील जानकारी दुश्मन देशों तक पहुंच सकती है, खासकर जब पश्चिमी देश यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन का साथ दे रहे हों.

    क्या सिर्फ रूस ही नहीं कर रहा ऐसा?

    रूस अकेला देश नहीं है जिसने विदेशी मैसेजिंग सेवाओं पर शिकंजा कसा है. दुनिया के कई और देशों ने भी सुरक्षा और राजनीतिक कारणों से व्हाट्सऐप पर पाबंदी लगा रखी है. चीन, उत्तर कोरिया, ईरान, और सीरिया में व्हाट्सऐप पूरी तरह बैन है. यूएई और कतर जैसे देशों में व्हाट्सऐप की वीडियो और ऑडियो कॉलिंग पर रोक है. इन प्रतिबंधों का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, स्थानीय टेक्नोलॉजी कंपनियों को बढ़ावा देना और राजनीतिक नियंत्रण बनाए रखना रहा है.

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