यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग चार साल में प्रवेश कर चुकी है, लेकिन हालात सुधरने के बजाय लगातार और बिगड़ते जा रहे हैं. राजनयिक मंचों पर शांति की अपीलों के बीच जमीनी स्तर पर संघर्ष और भी ज्यादा भीषण होता जा रहा है.
हाल ही में चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई, लेकिन रूस ने फिर से पूरी स्थिति के लिए पश्चिमी देशों को दोषी ठहराया. राष्ट्रपति पुतिन ने यह दावा किया कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने यूक्रेन को उकसाकर इस युद्ध को हवा दी है.
रूसी मिसाइलों और ड्रोन हमलों से कांपा यूक्रेन
राजनयिक बातचीत के ठीक बाद यूक्रेन के कई इलाकों में रूसी मिसाइलें और ड्रोन हमले बरसने लगे. सूमी क्षेत्र में हुए हमले ने बुनियादी सेवाओं को ठप कर दिया है. बिजली और पानी की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई. खेरसान के बिलोजेर्का कस्बे में एक 73 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई. वहीं, चेरनिहिव के होरोदनिया शहर में ड्रोन हमले में एक 14 साल की बच्ची समेत दो लोग घायल हुए. सूमी में सात लोगों के घायल होने और दर्जनों घरों के क्षतिग्रस्त होने की भी पुष्टि हुई है. इन हमलों ने एक बार फिर ये साफ कर दिया है कि युद्ध विराम की बात अभी महज़ कागज़ों तक ही सीमित है.
पढ़ाई भी जंग के साये में – यूक्रेन में अंडरग्राउंड स्कूल
इस लंबे युद्ध के बीच, यूक्रेन में शिक्षा व्यवस्था ने भी एक नई दिशा पकड़ ली है. खार्कीव क्षेत्र, जो रूसी हमलों का सबसे बड़ा निशाना रहा है, वहां पर बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए बेसमेंट में अंडरग्राउंड स्कूल खोले गए हैं. लगभग 17,000 छात्र इन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं. इन स्कूलों के क्लासरूम बेहद छोटे हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज़ से जरूरी भी. बच्चे तीन साल से भूमिगत कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं, ताकि युद्ध की भयावहता से उनका भविष्य अंधकार में न चला जाए.
यूक्रेन ने एक और गांव को किया आज़ाद
यूक्रेन की सेनाओं को युद्ध के मैदान में एक महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है.कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की 425वीं रेजिमेंट ने डोनेत्स्क ओब्लास्ट के नोवोइकोनोमिकने गांव को रूसी नियंत्रण से मुक्त कर लिया है. लगभग दो सप्ताह तक चले भीषण संघर्ष के बाद 31 अगस्त को यूक्रेनी सैनिकों ने गांव के केंद्र में राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया. यह गांव पोक्रोवस्क शहर से सिर्फ 14 किमी दूर स्थित है और युद्ध से पहले यहां 2,800 लोग रहा करते थे.
अमेरिका ने रूस पर और प्रतिबंधों के दिए संकेत
इस बीच, अमेरिका भी अब अपनी रणनीति को नए सिरे से आक्रामक दिशा में ले जाता दिख रहा है.अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा है कि रूस के हालिया हमलों के बाद वाशिंगटन कड़े प्रतिबंधों के सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है. उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन की कार्रवाई को "घृणित और धोखेबाज़ी से भरी" करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि रूस ने अलास्का के एंकोरेज में हुई एक अहम बैठक और डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत में किए वादों को पूरी तरह तोड़ दिया है.
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