RBI ने घटाया रेपो रेट, होम लोन से लेकर कार लोग होगा सस्ता; और भी मिलेंगे कई फायदे

    RBI Repo Rate: यह इस साल की तीसरी रेपो रेट कटौती है. इससे पहले फरवरी और अप्रैल 2025 में 25-25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई थी. RBI के इस कदम को आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और महंगाई के दबाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.

    RBI Repo Rate reduce many benefits for middle class in car and home loan
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    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और आम जनता को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है. शुक्रवार सुबह RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की. अब यह दर घटकर 5.5 प्रतिशत रह गई है, जो पहले 6 प्रतिशत थी. यह फैसला मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के समापन के बाद लिया गया.

    2025 में तीसरी बार घटा रेपो रेट

    RBI Repo Rate: यह इस साल की तीसरी रेपो रेट कटौती है. इससे पहले फरवरी और अप्रैल 2025 में 25-25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई थी. RBI के इस कदम को आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और महंगाई के दबाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है. गवर्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि अब मौद्रिक नीति का रुख ‘Accommodative’ से बदलकर ‘Neutral’ कर दिया गया है. इसका अर्थ यह है कि फिलहाल रेपो रेट में आगे कोई भी बदलाव देश की आर्थिक स्थिति के अनुसार तय होगा न कि पूर्व-निर्धारित नीति के अनुसार.

    रेपो रेट क्या होता है और इसका असर आप पर कैसे पड़ता है?

    रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI, कमर्शियल बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है. जब यह दर घटती है, तो बैंक सस्ते में लोन ले सकते हैं — और यही लाभ ग्राहकों को भी ट्रांसफर होता है.

    घर और कार के लोन होंगे सस्ते

    रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक अब होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दर घटा सकते हैं. इससे आपकी EMI कम होगी और आपकी जेब पर बोझ हल्का पड़ेगा.

    नए लोन पर बेहतर डील

    जो लोग अभी नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह सुनहरा मौका हो सकता है. कम ब्याज दरों पर लोन मिलना अब पहले से आसान होगा.

    बिज़नेस और SME सेक्टर को राहत

    रेपो रेट में गिरावट से बिज़नेस लोन और SME फाइनेंस भी सस्ते होंगे. इसका सीधा असर नए व्यापार की शुरुआत, विस्तार और रोजगार के अवसरों पर पड़ेगा.

    बढ़ेगी मांग, रफ्तार पकड़ेगी अर्थव्यवस्था

    लोन सस्ते होने से लोगों की खरीदने की क्षमता बढ़ेगी. EMI में बचत होने से लोग खर्च और निवेश दोनों पर अधिक ध्यान देंगे, जिससे देश की आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी.

    ब्याज दरों में क्या-क्या हुआ बदलाव?

    • रेपो रेट: अब 5.5%
    • स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF): 5.25%
    • मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और बैंक रेट: 5.75%

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