नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में चार प्रतिष्ठित हस्तियों को नामित किया है. शनिवार को गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, ये नामांकन देश के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं. नामित व्यक्तियों में प्रख्यात वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन और केरल के शिक्षाविद व समाजसेवी सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं.
न्याय की लड़ाई का एक सशक्त चेहरा
उज्ज्वल निकम भारतीय न्याय व्यवस्था का ऐसा नाम हैं, जिन्होंने आतंकवाद और संगठित अपराधों के खिलाफ कई ऐतिहासिक मुकदमे लड़े. उन्हें 26/11 मुंबई हमले के मुख्य अभियोजन वकील के रूप में विशेष पहचान मिली. उनकी प्रभावशाली पैरवी के चलते अजमल कसाब को फांसी की सजा सुनाई गई थी. निकम ने गुलशन कुमार हत्याकांड, प्रमोद महाजन मर्डर केस, मुंबई गैंगरेप और 1993 बम धमाकों जैसे चर्चित मामलों में भी सरकारी पक्ष का प्रतिनिधित्व किया. उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए उन्हें 2016 में पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया था.
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को मनोनीत किया है।
— Anup Gupta (@anoopphr) July 13, 2025
इनमें उज्जवल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन और सदानंदन मास्टर का नाम शामिल है। pic.twitter.com/5Jy0aJOD37
भारत की विदेश नीति की एक अनुभवी आवाज
हर्षवर्धन श्रृंगला भारतीय कूटनीति का एक जाना-माना नाम हैं. अमेरिका, बांग्लादेश, थाईलैंड सहित कई देशों में भारत के राजदूत रहे श्रृंगला को 2020 में विदेश सचिव नियुक्त किया गया था. उन्होंने यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र, इज़राइल, वियतनाम, और दक्षिण अफ्रीका में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया. दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक श्रृंगला का प्रशासनिक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में व्यापक अनुभव रहा है. उन्होंने विदेश मंत्रालय में बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और म्यांमार जैसे देशों के साथ रणनीतिक संवाद को दिशा दी.
ऐतिहासिक विमर्श को नया दृष्टिकोण देने वाली लेखिका
मीनाक्षी जैन इतिहास लेखन की दुनिया में एक चर्चित नाम हैं. उन्होंने अयोध्या, सती प्रथा, और हिंदू-मुस्लिम संबंधों जैसे विषयों पर गहन शोध किया है. उनकी प्रमुख पुस्तकों में The Battle for Rama, Rama and Ayodhya, और Sati: Evangelicals, Baptist Missionaries and the Changing Colonial Discourse शामिल हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की प्रोफेसर रही हैं और उन्हें 2020 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उन्होंने ऐतिहासिक विमर्शों को एक नई विचारधारा के साथ प्रस्तुत किया है, जो देश में बहस का विषय रहा है.
शिक्षा और समाज सेवा में चार दशकों से सक्रिय
केरल से ताल्लुक रखने वाले सी. सदानंदन मास्टर राज्यसभा के लिए नामित चौथे सदस्य हैं. वह दशकों से शिक्षा, ग्रामीण विकास और सामाजिक पुनर्निर्माण में सक्रिय हैं. उनकी पहचान एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता और विचारशील शिक्षक के रूप में रही है. उन्होंने केरल में ग्रामीण शिक्षा मॉडल को मजबूत करने के लिए कई नवाचार किए हैं. शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों को कई मंचों पर सराहना मिली है.
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