जयपुर: राजस्थान अब सिर्फ रेत, किले और संस्कृति की पहचान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अब हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाते हुए देश के ई-मोबिलिटी नक्शे पर अपनी मज़बूत मौजूदगी दर्ज कराने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "मेक इन इंडिया" और ग्रीन ट्रांसपोर्ट विज़न को ज़मीन पर उतारते हुए राज्य में एक अत्याधुनिक ई-बस निर्माण प्लांट की शुरुआत हो रही है.
1200 करोड़ की बड़ी परियोजना
राज्य सरकार ने पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रा. लि. को गिलोट, बहरोड़ में 65 एकड़ भूमि आवंटित की है, जहां 1200 करोड़ रुपये के निवेश से अत्याधुनिक ई-बस निर्माण इकाई स्थापित की जाएगी. यह ज़मीन राजस्थान औद्योगिक निवेश एवं विकास निगम (RIICO) के माध्यम से दी गई है.
परियोजना को मिला राज्य का समर्थन
इस अवसर पर कंपनी के एमडी सतीश कुमार जैन, सीईओ आंचल जैन, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गजेन्द्र यादव, डायरेक्टर दीपांशु द्विवेदी और प्लांट हेड हरीश यादव ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने इस परियोजना का स्वागत करते हुए कहा कि यह राजस्थान को ई-बस निर्माण और हरित परिवहन के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा.
युवाओं के लिए रोजगार, उद्योगों को मिलेगा बूस्ट
प्लांट के शुरू होते ही राज्य के हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है. यह प्लांट सिर्फ निर्माण इकाई नहीं होगा, बल्कि यह रिसर्च, इनोवेशन और तकनीकी प्रशिक्षण का भी केंद्र बनेगा. साथ ही, स्थानीय आपूर्ति शृंखला और उद्योगों को भी गति मिलेगी.
पूरे देश को पीएमआई से सस्ता और टिकाऊ ई-ट्रांसपोर्ट
पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी, जो पहले से ही देश की अग्रणी इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियों में गिनी जाती है, अब राजस्थान को अपना निर्माण केंद्र बनाकर सस्ते और टिकाऊ ई-ट्रांसपोर्ट विकल्प पूरे भारत को मुहैया कराएगी. इससे पर्यावरण के अनुकूल पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा.
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