AQI Level in MP: दिवाली की रौनक भले ही चारों तरफ फैली रही हो, लेकिन इसके बाद की हवा अब चिंता बढ़ा रही है. पटाखों और प्रदूषण के कारण मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी है. प्रदूषण के आंकड़े बताते हैं कि कई शहरों में सांस लेना अब स्वास्थ्य के लिए खतरा बनता जा रहा है.
किन शहरों में कितना ज़हरीला हुआ हवा का स्तर?
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 204 दर्ज किया गया है, जो 'खराब' श्रेणी में आता है. वहीं, भोपाल और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों में AQI 186 तक पहुंच गया है, जो 'अनहेल्दी' कैटेगरी में आता है. जबलपुर में भी यही स्थिति देखने को मिली है. इन शहरों में बुज़ुर्गों, बच्चों और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बाहर निकलना जोखिम भरा हो सकता है. उधर, उज्जैन की स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहां AQI 117 दर्ज हुआ है, लेकिन यह भी ‘मॉडरेट’ स्तर पर है और संवेदनशील लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है.
प्रदूषण में तुरंत राहत नहीं
वायु गुणवत्ता विशेषज्ञों का कहना है कि अभी हालात में सुधार की उम्मीद कम है. दिवाली के बाद प्रदेश में हवाओं की रफ्तार धीमी है और तापमान भी गिर रहा है, जिससे प्रदूषक तत्व वातावरण में बने रहने की संभावना है. आने वाले कुछ दिन प्रदूषण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं.
बचाव ही सबसे अच्छा उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और प्रशासन की ओर से लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना अनिवार्य करें. केवल ज़रूरत होने पर ही बाहर जाएं. घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें. खिड़कियां और दरवाज़े बंद रखें ताकि बाहर की हवा अंदर न आए. आंखों में जलन, गले में खराश या खांसी जैसी शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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