नहीं रुकेगा रूस-यूक्रेन जंग! ट्रंप ने पीछे खींचे हाथ; कहा- 'पुतिन-जेलेंस्की पहले खुद करें...

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. पहले जहां वे इस युद्ध को खत्म करने के लिए खुद मध्यस्थ की भूमिका निभाने की बात कर रहे थे, वहीं अब उन्होंने संकेत दिया है कि शांति की शुरुआत दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की की आपसी बातचीत से होनी चाहिए.

    Putin zelensky talk by own first america trump on ukraine and russia ceasefire
    Image Source: Social Media

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. पहले जहां वे इस युद्ध को खत्म करने के लिए खुद मध्यस्थ की भूमिका निभाने की बात कर रहे थे, वहीं अब उन्होंने संकेत दिया है कि शांति की शुरुआत दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की की आपसी बातचीत से होनी चाहिए.


    19 अगस्त 2025 को व्हाइट हाउस में यूरोपीय नेताओं और यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को फोन किया. बातचीत के दौरान ट्रंप ने सुझाव दिया कि दोनों नेताओं को आमने-सामने बैठकर मसले का हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने इस बैठक को युद्धविराम की दिशा में “एक मजबूत शुरुआती कदम” करार दिया.

    ट्रंप की रणनीति में आया बदलाव

    अपने ताजा बयान में ट्रंप ने कहा कि वह अब मध्यस्थता के बजाय प्रत्यक्ष वार्ता को प्राथमिकता दे रहे हैं. यह उनके पहले के रुख से उलट है, जहां वे खुद वार्ता के मंच का नेतृत्व करने को तैयार दिख रहे थे. अब ट्रंप का कहना है कि युद्ध विराम से पहले दोनों देशों के नेता खुद बातचीत करें और एक साझा समाधान की ओर बढ़ें.

    WABC इंटरव्यू में बोले ट्रंप

    WABC रेडियो चैनल पर एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, "मैं देखना चाहता हूं कि पुतिन और जेलेंस्की की बैठक में क्या होता है." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह फिलहाल कोई दबाव नहीं बनाना चाहते, बल्कि यह जानना चाहते हैं कि दोनों नेता आपसी समझ से किसी ठोस नतीजे पर पहुंच पाते हैं या नहीं.

    यूक्रेन पर बढ़ सकता है दबाव

    ट्रंप के इस बदले हुए रुख पर भूराजनीतिक विश्लेषकों की राय मिली-जुली है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह यूक्रेन के लिए राजनयिक दबाव की शुरुआत हो सकती है. ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर यूक्रेन को युद्ध समाप्त करना है, तो उसे अपने खोए हुए इलाकों और नाटो में शामिल होने की उम्मीद को त्यागना पड़ सकता है.

    क्या वार्ता से मिलेगा हल?

    अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या पुतिन और जेलेंस्की आमने-सामने बैठने को तैयार होंगे? क्या यह बैठक वास्तव में संघर्ष को खत्म करने की दिशा में कोई ठोस कदम साबित होगी? और क्या ट्रंप भविष्य में फिर से मध्यस्थता का कोई प्रस्ताव लेकर आएंगे?

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