नेपाल की संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, सोशल मीडिया बैन का कर रहे विरोध, सेना की फायरिंग में 9 की मौत, Video

    नेपाल की राजधानी काठमांडू में जबरदस्त जन आक्रोश देखने को मिल रहा है. खासकर युवा वर्ग, जो 18 से 30 वर्ष की उम्र के बीच का है, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन को लेकर सड़कों पर उतर आया है.

    Protesters opposing social media ban enter Nepal parliament
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Social Media

    काठमांडू: नेपाल की राजधानी काठमांडू में जबरदस्त जन आक्रोश देखने को मिल रहा है. खासकर युवा वर्ग, जो 18 से 30 वर्ष की उम्र के बीच का है, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन को लेकर सड़कों पर उतर आया है. यह विरोध प्रदर्शन अब इतना तीव्र हो चुका है कि संसद भवन तक उसकी आंच पहुंच गई है.

    संसद परिसर में घुसे प्रदर्शनकारी

    सोमवार की सुबह काठमांडू में प्रदर्शन उस समय और उग्र हो गया, जब हजारों की संख्या में युवा संसद भवन के पास जमा हो गए और उन्होंने जबरन उसके गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया. पुलिस और सेना ने हालात काबू में लाने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके दौरान फायरिंग हुई और अब तक 9 युवाओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 80 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

    नेपाल के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब प्रदर्शनकारी संसद भवन के भीतर दाखिल हुए हैं. इस घटना के बाद संसद, राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री आवास जैसे अति-संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.

    प्रदर्शन की अगुआई कर रही है 'जनरेशन-Z'

    इस पूरे आंदोलन की कमान उस पीढ़ी के हाथ में है जिसे आज की भाषा में 'जनरेशन-Z' कहा जाता है. ये वे युवा हैं जो न सिर्फ तकनीकी रूप से दक्ष हैं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर भी सजग हैं. उनका कहना है कि वे अब और चुप नहीं रह सकते. वे भ्रष्टाचार, सरकार की निष्क्रियता और जवाबदेही की कमी को अब और बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हैं.

    सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किए बंद

    नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम सहित कुल 26 सोशल मीडिया साइट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. सरकार का तर्क है कि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल के संचार मंत्रालय में पंजीकरण नहीं कराया था, जिसकी अंतिम तारीख 2 सितंबर थी. लेकिन आंदोलनकारियों का कहना है कि यह कदम उनकी आवाज को दबाने के लिए उठाया गया है.

    कर्फ्यू के आदेश, स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर

    काठमांडू जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए प्रमुख क्षेत्रों में दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है. सड़कों पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं और लोगों को घरों के भीतर रहने की सलाह दी गई है.

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