क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम? जिसमें राष्ट्रपति ने लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की दी अनुमति

    बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एक बार फिर कानून के घेरे में आ गए हैं. 'जमीन के बदले नौकरी' मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में एक अहम मोड़ आ गया है. बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी.

    President Murmu grants prosecution sanction against Lalu Prasad in land-for-jobs 'scam'
    File Image Source ANI

    Land for Job Scam: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एक बार फिर कानून के घेरे में आ गए हैं. 'जमीन के बदले नौकरी' मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में एक अहम मोड़ आ गया है. बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी.

    इन धाराओं के तहत चलेगा मुकदमा

    राष्ट्रपति ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197(1) और भारत न्याय संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 218 के तहत यह अनुमति दी है. यह फैसला इस बहुचर्चित घोटाले की जांच को और तेज़ी देने वाला साबित हो सकता है, जिसमें लालू यादव के साथ उनका परिवार भी घिरता नज़र आ रहा है.

    ईडी ने दायर किया था आरोपपत्र

    गौरतलब है कि अगस्त 2024 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें न सिर्फ लालू यादव बल्कि उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, एक अन्य बेटी हेमा यादव और दो कंपनियों के नाम भी शामिल थे. ये मामला सीबीआई द्वारा 18 मई 2022 को दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है.

    क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

    सीबीआई के अनुसार, यह घोटाला उस समय का है जब लालू यादव 2004 से 2009 तक देश के रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस दौरान रेल मंत्रालय में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले कुछ उम्मीदवारों से उनकी ज़मीन ली गई. जांच में यह भी सामने आया कि वर्ष 2007 में एक निजी कंपनी के नाम पर महज़ 10.83 लाख रुपये में ज़मीन खरीदी गई थी, जो बाद में जब्त कर ली गई.

    रेल मंत्री भी हो चुके हैं गिरफ्तार

    जांच एजेंसियों ने इस मामले में कई गिरफ्तारी भी की है, जिनमें तत्कालीन रेल मंत्री के ओएसडी भोला प्रसाद भी शामिल हैं. सीबीआई की छानबीन के दौरान एक हार्ड डिस्क भी बरामद की गई, जिसमें उन उम्मीदवारों की सूची थी, जिन्हें नौकरी मिली थी.

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